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पाकिस्तान चावल के लिए मिथाइल ब्रोमाइड का इस्तेमाल बंद करेगा तो चरमराती अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ेगा ?

Methyl Bromide Ban in Pakistan: पाकिस्तान सरकार चावल में मिथाइल ब्रोमाइड का इस्तेमाल बंद करेगी। यह उसका पूरी तरह आर्थिक फैसला है।

भारतMar 11, 2025 / 05:14 pm

M I Zahir

Pakistani Rice

Methyl Bromide Ban in Pakistan: यदि पाकिस्तान चावल के लिए मिथाइल ब्रोमाइड (Methyl bromide) का उपयोग बंद करता है और इसके स्थान पर अन्य सुरक्षित विकल्पों का उपयोग करता है तो इसका उत्पादन लागत पर असर पड़ सकता है। वहीं चावल का निर्यात (rice export) भी प्रभावित हो सकता है। मसलन प्राकृतिक कीटनाशकों या भंडारण तकनीकों का इस्तेमाल करने से शुरुआती लागत तो बढ़ सकती है, लेकिन लंबे समय में यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे चावल के निर्यात में भी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि विदेशी बाजार में रासायनिक अवशेष वाले उत्पादों की मांग कम हो रही है।

क्या होता है मिथाइल ब्रोमाइड?

मिथाइल ब्रोमाइड एक व्यापक स्पेक्ट्रम वाला कीटनाशक है, जिसका उपयोग मिथाइल ब्रोमाइड एक शक्तिशाली कीटनाशक है जो कृषि उत्पादों को कीट, फफूंद और अन्य पेस्ट से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है। वहीं कई देशों में मृदा में पनपने वाले कीट नष्ट करने के अलावा, फसल के बाद, शिपमेंट से पहले और क्वारंटीन उपचारों में किया जाता है। इसके जैविक प्रभावी होने के बावजूद, मिथाइल ब्रोमाइड को ओजोन परत को नष्ट करने वाले प्रमुख तत्वों में से एक माना गया है, और इसे उन देशों में समाप्त करने की आवश्यकता है, जहां इसका अभी भी उपयोग किया जा रहा है। यह गैस के रूप में होता है और विशेष रूप से अनाज, फल, और अन्य कृषि उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे और वे लंबे समय तक ताजा रहें। मिथाइल ब्रोमाइड का आम तौर पर भंडारण से पहले और बाद में उपयोग किया जाता है ताकि फसल को कीटों से बचाया जा सके।

यह चावल में कैसे होता है इसका इस्तेमाल ?

चावल की फसल की कटाई के बाद यह भंडारण में रखा जाता है, ताकि वह लंबे समय तक खराब न हो। इस दौरान, चावल में फंगस, कीट और मोल्ड्स के बढ़ने की संभावना रहती है। इन समस्याओं से बचने के लिए, मिथाइल ब्रोमाइड का इस्तेमाल किया जाता है। यह चावल को शुद्ध और सुरक्षित रखने के लिए उसे गैस से उपचारित किया जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान मिथाइल ब्रोमाइड का चावल में अवशोषण हो सकता है, जो बाद में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

चरमराती अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा असर?

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय काफी संकटग्रस्त है और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर इसका सीधा असर पड़ता है। मिथाइल ब्रोमाइड का उपयोग बंद करने से चावल की पैदावार और भंडारण में कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं। चावल के भंडारण की लागत बढ़ सकती है, क्योंकि इस रसायन के बिना कीट और फफूंद से बचाव के लिए अन्य महंगे विकल्पों की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, मिथाइल ब्रोमाइड के बंद होने से कृषि क्षेत्र में कुछ अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है, जिससे कृषि उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, अगर पाकिस्तान अन्य प्रभावी और सुरक्षित विकल्पों की दिशा में काम करता है, तो इसे दीर्घकालिक लाभ हो सकता है।

मिथाइल ब्रोमाइड किस-किस देश में बैन है?

मिथाइल ब्रोमाइड का उपयोग कई देशों में पर्यावरणीय और स्वास्थ्य सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित या सीमित किया गया है। 1990 के दशक के अंत में, इसे ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायन के रूप में पहचाना गया था। इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र के मोंट्रियल प्रोटोकॉल के तहत इसे धीरे-धीरे समाप्त करने की योजना बनाई गई थी। अमेरिका में मिथाइल ब्रोमाइड का उपयोग कृषि में बंद कर दिया गया है, हालांकि यह कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रयोग की अनुमति प्राप्त करता है।
यूरोपीय संघ: यूरोपीय देशों में भी मिथाइल ब्रोमाइड का उपयोग 2005 से पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में भी इसका उपयोग कड़े नियमों के तहत सीमित किया गया है। भारत में भी मिथाइल ब्रोमाइड के प्रयोग को नियंत्रित किया गया है, और इसे केवल विशेष परिस्थितियों में ही उपयोग करने की अनुमति है।

पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला किया है

पाकिस्तान सरकार ने चावल की खेपों के कीटाणुशोधन के लिए मिथाइल ब्रोमाइड का उपयोग तत्काल बंद कर दिया है, जिससे आयातक देशों को यह प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अपने स्तर पर करने की अनुमति मिलेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय की ओर से सोमवार को आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें पाकिस्तान से यूरोप में चावल निर्यात में आ रही रुकावट पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सचिव वसीम अजमल चौधरी ने की, और इसमें सभी हितधारकों, जिसमें प्रांतीय प्रतिनिधि, निजी कंपनियां और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

लागत समाप्त हो जाएगी तो कीमत में कमी आएगी

मंत्रालय के अनुसार, यह नीति निर्णय पाकिस्तान के चावल निर्यातकों के लिए सीधे लाभकारी साबित होगी, क्योंकि कीटाणु शोधन की लागत समाप्त हो जाएगी, जिससे अनाज की निर्यात कीमत में कमी आएगी और यह वैश्विक बाजारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेगा। बैठक में चावल निर्यातकों संघ की लंबित मांगों की भी समीक्षा की गई, मंत्रालय ने बताया कि व्यापार में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

स्प्रे माफिया को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाए

मंत्रालय ने कृषि वस्तु व्यापार में भ्रष्टाचार को खत्म करने और स्प्रे माफिया को समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। ये सुधार पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीय चावल निर्यातक के रूप में स्थिति बेहतर बनाएंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि आयात की स्थितियों की कड़ी वैज्ञानिक निगरानी अगले दो सप्ताह के भीतर लागू की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि वह देश की कृषि अर्थव्यवस्था मजबूत करने और इसके वैश्विक निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए समर्पित है।

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