यह रेल मार्ग एक महीने के बाद फिर से खोला गया था
यह घटना तब घटी जब ट्रेन को एक सुरंग में सशस्त्र हमलावरों ने रोक लिया था, जो कि क्वेटा से पेशावर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। यह रेल मार्ग एक महीने के बाद फिर से खोला गया था। इस दौरान बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों और पाकिस्तानी सेना के बीच रात भर मुठभेड़ चलती रही, जिसमें कम से कम 27 विद्रोही मारे गए थे।
बीएलए ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है
बीएलए ने दावा किया कि उसने ट्रेन पर नियंत्रण कर लिया है और 180 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया, जिनमें अधिकतर पाकिस्तानी सैनिक थे। बीएलए ने पाकिस्तान सरकार से सभी बलूच राजनीतिक कैदियों और “जबरन गायब किए गए” लोगों को रिहा करने की मांग करते हुए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ध्यान रहे कि जाफर एक्सप्रेस में के ये यात्री पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रहे थे, जब उस पर गोलीबारी की गई और वह अगवा कर ली गई।
कई सैनिकों के मारे जाने की खबर
बहरहाल विद्रोहियों ने बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग करते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाया था और कई सैनिकों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तान सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लिया है, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना लगातार कार्रवाई कर रही है।