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भारत का चीन-पाक पर सीधा फौलादी वार,हवा में हमारी बढ़त तय! फिफ्थ-जेन जेट को मिली मंज़ूरी

India Fifth Generation Stealth Fighter Jet: भारत ने अपने पहले स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट AMCA परियोजना को मंजूरी दे दी है।

भारतMay 27, 2025 / 06:51 pm

M I Zahir

India Fifth Generation Stealth Fighter Jet: चीन की ओर से पाकिस्तान को अपने एडवांस स्टेल्थ फाइटर J-35 देने की पेशकश के जवाब में भारत ने भी बड़ा कदम उठाते हुए देश के पहले स्वदेशी स्टेल्थ लड़ाकू विमान परियोजना ( India stealth fighter jet) को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस बहुप्रतीक्षित फिफ्थ-जेनरेशन ट्विन-इंजन फाइटर प्रोग्राम (Fifth generation fighter aircraft) को यह हरी झंडी दिखाई गई है। डीआरडीओ के अनुसार एचएएल को प्रोजेक्ट का सिर्फ एयरफ्रेम को हटा दिया गया है, जबकि इयोनिक्स और एआई सिस्टम के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को आरएफक्यू भेजा गया है। सिग्नेचर स्ट्रक्चर और थर्मल प्रोफाइल को लेकर इसरो की पूर्व जांच में भी सहयोग लिया जा रहा है। इस तरह भारत ने हवाई ताकत के लिहाज से पाकिस्तान और चीन पर करारा पलटवार (India vs China Pakistan airpower) किया है।

यह विकास ऐसे समय हुआ है

यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब बीजिंग ने पाकिस्तान को शेनयांग J-35 स्टेल्थ फाइटर रियायती कीमत पर देने का प्रस्ताव दिया है। इस रणनीतिक टक्कर को देखते हुए नई दिल्ली अब आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत हवाई वर्चस्व की नई परिभाषा गढ़ने की ओर बढ़ रही है।

भारत का चीन पर पलटवार और अदृश्य जंग

भारत सरकार ने देश के पहले स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट के डिजाइन व निर्माण को लेकर विस्तृत तकनीकी योजना को अंतिम रूप दे दिया है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, रडार-एवेडिंग कोटिंग और AI-पावर्ड फायर कंट्रोल सिस्टम शामिल होंगे। उच्च-स्तरीय रक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस जेट का नाम AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) रखा जाएगा और इसका पहला प्रोटोटाइप 2026 तक उड़ान भर सकता है। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब खुफिया एजेंसियों को चीन-पाकिस्तान के बीच J-35 स्टील्थ जेट डील पर औपचारिक MoU के ड्राफ्ट मिलने की सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि चीन ने इस्लामाबाद को चार J-35 फाइटर रियायती दरों पर 2027 तक डिलीवर करने की पेशकश की है।

भारत की स्टील्थ फाइटर योजना: 10 अहम बातें

फुल स्वदेशी डिजाइन: भारत का पहला स्टेल्थ फाइटर देश में ही डिज़ाइन और डेवलप किया जाएगा।

ADA की अगुवाई: इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के नेतृत्व में विकसित किया जाएगा।
पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी: निजी कंपनियों को भी प्रोटोटाइप निर्माण में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

HAL पर कम दबाव: इस प्रोजेक्ट में HAL की अनिवार्यता नहीं, निजी कंपनियों को मौका।

तेजस देरी से सबक: LCA तेजस में देरी से मिली सीख के बाद अब तेज डिलीवरी पर ज़ोर।
कावेरी इंजन पर काम जारी: DRDO स्वदेशी इंजन “GTRE GTX-35VS Kaveri” पर काम कर रहा है।

वायुसेना की ज़रूरत: 42 की ज़रूरत के मुकाबले IAF के पास अभी सिर्फ 31 स्क्वाड्रन हैं।

चीन का छठी पीढ़ी की छलांग: J-36 की टेस्टिंग से भारत पर रणनीतिक दबाव बढ़ा।
पाकिस्तान को चीन का समर्थन: JF-17 के बाद J-10 और अब J-35 की संभावित डील।

राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टिकोण: सरकार ने इसे “रणनीतिक संप्रभुता” के तहत उच्च प्राथमिकता दी है।

सिर्फ फाइटर जेट नहीं, भारत की आत्मनिर्भरता का सुबूत

वायुसेना के रिटायर्ड एयर मार्शल अनिल चौपडाने कहा: “AMCA सिर्फ फाइटर जेट नहीं, भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा प्रमाण होगा। चीन और पाकिस्तान को अब जवाब देना पड़ेगा।”

भारत का जवाब संतुलित और सटीक

रणनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी का ट्वीट: “पाकिस्तान को जेट देना चीन का ‘proactive provocation’ है, और भारत का जवाब संतुलित और सटीक है।” कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार के इस फैसले को ‘राइट मूव’ बताते हुए इसे डिफेंस डिप्लोमेसी का प्रतीक बताया है।

फॉलोअप एंगल: भारत की ताकत और सुलगते सवाल

क्या AMCA में GE इंजन या पूरी तरह स्वदेशी ‘कावेरी इंजन’? सरकार के सामने अब बड़ा सवाल है—विदेशी सहयोग या पूरी तरह मेड इन इंडिया पावर प्लांट।
HAL और प्राइवेट सेक्टर में टकराव या सहयोग?

निजी कंपनियों की भागीदारी से रक्षा उत्पादन का नया मॉडल बन सकता है या टकराव का कारण ?

चीन के 6th जेन फाइटर की असली क्षमताएं क्या हैं?
J-36 के कथित प्रदर्शन पर वायुसेना के तकनीकी सेल द्वारा आंतरिक आकलन शुरू।

चीन के असली हाई-एंड फॉर्मेट का लाभ नहीं मिलेगा

पाकिस्तान को मिलने वाले J-35 विमान में PLA मॉडिफिकेशन नहीं होंगे, यानी उन्हें चीन के असली हाई-एंड फॉर्मेट का लाभ नहीं मिलेगा।
AMCA प्रोजेक्ट में पहली बार इंडियन स्टार्टअप्स को R&D पार्टनर के रूप में शामिल किया जाएगा।

चीन का मकसद सिर्फ पाकिस्तान को स्ट्रॉन्ग करना नहीं, भारत की हथियार आयात नीति को बाधित करना भी है।
HAL को प्रोजेक्ट का सिर्फ एयरफ्रेम सेक्शन सौंपा गया है, जबकि एवियोनिक्स और AI सिस्टम के लिए Tata Advanced Systems और Bharat Electronics को RFQ भेजे गए हैं। खासतौर पर सिग्नेचर मैनेजमेंट और थर्मल प्रोफाइल को लेकर ISRO के पूर्व वैज्ञानिकों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
एक्सक्लूसिव इनपुट क्रेडिट: DRDO वैज्ञानिकों के इनपुट के अनुसार AMCA ब्लॉक-1 में सिंगल सीटर होगा, जबकि ब्लॉक-2 में ट्विन सीटर ट्रेनिंग और ऑपरेशन दोनों के लिए डिजाइन किया जाएगा।

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