‘अमेरिका से आने वाले सामान पर लगभग सभी टैक्स समाप्त कर दिए जाएंगे’
भारत सरकार ने यह प्रस्ताव उस समय दिया है जब ट्रंप ने 9 अप्रैल को अपने व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाने के निर्णय को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था। इस निर्णय में भारत पर 26% आयात शुल्क लगाने की योजना भी शामिल थी। भारत की कोशिश है कि इस 90 दिनों की मोहलत के भीतर अमेरिका के साथ एक ठोस व्यापार समझौता कर लिया जाए।
कतर में उद्योगपतियों के साथ बैठक में ट्रंप ने कहा:
“भारत में सामान बेचना बहुत कठिन है, लेकिन वे हमें एक ऐसा सौदा पेश कर रहे हैं जिसमें वे हमसे कोई टैरिफ नहीं लेने के लिए तैयार हैं।”
– डोनाल्ड ट्रंप, (रायटर रिपोर्ट के अनुसार)
भारत सरकार इस समय अमेरिका के साथ तेजी से एक व्यापार समझौता करने की दिशा में काम कर रही है, जिससे उसे ट्रंप द्वारा घोषित 26% टैरिफ बढ़ोतरी से छूट मिल सके। दोनों देशों के बीच 2024 में व्यापार $129 बिलियन तक पहुंच चुका है और भारत का $45.7 बिलियन का सरप्लस भी कायम है। भारत ने प्रस्ताव दिया है कि वह पहले चरण में 60% आयात शुल्क लाइनों पर ड्यूटी समाप्त करने को तैयार है और शेष पर चरणबद्ध छूट दे सकता है।
भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्ते : एक नजर
अमेरिका, भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। वर्ष 2024 में दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार लगभग 129 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। फिलहाल, भारत का अमेरिका के साथ 45.7 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष (surplus) है, यानी भारत अमेरिका को ज़्यादा सामान निर्यात करता है, जबकि आयात कम करता है।
भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ गैप घटाने का प्रस्ताव दिया
पिछले सप्ताह रायटर की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ गैप को मौजूदा 13% से घटाकर 4% तक लाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि भारत को ट्रंप द्वारा लगाए गए मौजूदा और संभावित टैरिफ बढ़ोतरी से छूट मिल सके।
यूएस और भारत में जल्द समझौते की उम्मीद
अमेरिका और भारत तेज़ी से एक समझौते की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ एक “ब्रेकथ्रू डील” की थी, जिसमें ब्रिटेन ने अमेरिकी उत्पादों पर ड्यूटी घटाई थी, जबकि अमेरिका ने ब्रिटिश उत्पादों पर 10% बेसलाइन टैरिफ बनाए रखा। यह समझौता अब अमेरिका के अन्य व्यापारिक साझेदारों के लिए “मॉडल टेम्पलेट” बन सकता है। रायटर के अनुसार, भारत सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली ने शुरुआती चरण में 60% टैरिफ लाइनों पर ड्यूटी हटाने का प्रस्ताव दिया है। यह कदम व्यापार वार्ता में गति लाने के लिए उठाया गया है।