ममदानी : “मैं न्यूयॉर्क का पहला मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मेयर बनूंगा”
ममदानी ने कहा कि ट्रंप की टिप्पणियां उनकी नस्ल, धर्म या रूप को लेकर नहीं हैं, बल्कि इसलिए हैं क्योंकि वह उन मुद्दों पर लड़ रहे हैं जो आम लोगों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, “मैं कामकाजी वर्ग के लोगों के लिए लड़ता हूं, और ट्रंप इसी से डरते हैं।”
ट्रंप के बिल पर भी उठाए सवाल, बोले- “ये कानून गरीबों के खिलाफ है”
ज़ोहरान ममदानी ने ट्रंप के “वन बिग ब्यूटीफुल बिल” की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कानून अमेरिकियों से स्वास्थ्य सेवाएं और भोजन छीन लेगा। साथ ही यह अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है, जबकि आम लोगों को इससे नुकसान होगा।
कांग्रेस में भी ट्रंप के बिल को लेकर घमासान
ट्रंप जिस कर और व्यय बिल को पास करवाना चाहते हैं, वह अभी कांग्रेस में अटका हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी के अंदर ही इसके विरोध में आवाजें उठ रही हैं, जिससे मतदान टल गया है। यह बिल राष्ट्रीय कर्ज बढ़ा सकता है और सामाजिक सुरक्षा पर असर डाल सकता है।
कामकाजी वर्ग की आवाज़ बन कर ट्रंप के निशाने पर आए ज़ोहरान ममदानी
भारतीय मूल के ज़ोहरान ममदानी ने ट्रंप के हमलों का जवाब देते हुए कहा कि वे कामकाजी वर्ग के लिए लड़ रहे हैं। ट्रंप उन्हें निशाना बनाकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। ट्रंप ने उन्हें ‘कम्युनिस्ट पागल’ कहा और निर्वासन की मांग की। ममदानी ने ट्रंप के टैक्स बिल की भी कड़ी आलोचना की।
राजनीति में अब वंचित समुदायों की आवाज़ भी मुखर हो रही
ज़ोहरान ममदानी का डोनाल्ड ट्रंप को खुला जवाब इस बात का संकेत है कि अमेरिका की राजनीति में अब वंचित समुदायों की आवाज़ भी मुखर हो रही है। ट्रंप का ममदानी पर हमला दिखाता है कि वे अपनी नीतियों की आलोचना को व्यक्तिगत हमले से दबाना चाहते हैं, लेकिन अब युवा नेता बेखौफ होकर जवाब दे रहे हैं।
ट्रंप के इस हमले से ममदानी की छवि और चुनावी समर्थन पर क्या असर
आगे देखने वाली बात यह होगी कि ट्रंप के इस हमले से ममदानी की राजनीतिक छवि और चुनावी समर्थन पर क्या असर पड़ेगा। क्या यह हमला उन्हें नुकसान पहुंचाएगा या वंचित तबकों और अल्पसंख्यकों के बीच उनकी पकड़ और मजबूत होगी? आने वाले डिबेट्स और पब्लिक मीटिंग्स पर नजर रखना ज़रूरी होगा।
अमेरिका में नस्लीय और वर्गीय राजनीति की असल तस्वीर
बहरहाल यह विवाद अमेरिका में नस्लीय और वर्गीय राजनीति की असल तस्वीर भी दिखाता है। एक अप्रवासी, मुस्लिम और दक्षिण एशियाई उम्मीदवार का इस तरह से निशाना बनना दर्शाता है कि अमेरिका की राजनीति में अब भी पहचान और पृष्ठभूमि बड़े मुद्दे हैं। ट्रंप का यह रुख अप्रवासियों और अल्पसंख्यकों के प्रति उनकी पूर्व धारणा को दोहराता है।