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सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान में पानी की किल्लत, कई फसलों पर छाया संकट

India-Pakistan Conflict: भारत के सिंधु जल समझौता रद्द करने की वजह से पाकिस्तान में पानी की किल्लत हो रही है। इसका असर खेती पर भी पड़ रहा है।

भारतJun 12, 2025 / 04:03 pm

Tanay Mishra

Chenab river near Pakistan

Chenab river near Pakistan (Photo – ANI)

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) का बदला लेने के लिए भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) लॉन्च करने से पहले ही ‘वॉटर स्ट्राइक’ भी कर दी थी। हम बात कर रहे हैं भारत की तरफ से सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को रद्द करने की। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई थी, क्योंकि सिंधु जल समझौता, पाकिस्तान में पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है। भारत के इस समझौते को रद्द करने की वजह से न सिर्फ जनता को, बल्कि पाकिस्तानी सरकार को भी इस बार की चिंता हो गई थी कि देश में पानी का बड़ा संकट पैदा हो जाएगा और अब वैसा ही हो रहा है जिसकी आशंका जताई जा रही थी।

पाकिस्तान में पानी की किल्लत

भारत के सिंधु जल समझौता रद्द करने की वजह से पाकिस्तान में पानी की किल्लत हो रही है। पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण ने जानकारी दी कि बुधवार को उसे पानी की जितनी सप्लाई मिली, उसकी तुलना में उसने 11,180 क्यूसेक ज़्यादा पानी छोड़ा। इस वजह से पाकिस्तान में पानी का संकट और गंभीर हो गया है।

पाकिस्तान के प्रमुख जलाशयों में पानी का लेवल गिरा

जानकारी के अनुसार भारत के सिंधु जल समझौता रद्द करने की वजह से अब पाकिस्तान के दो प्रमुख जलाशयों में पानी का लेवल गिर गया है। हम बात कर रहे हैं सिंधु नदी पर तरबेला जलाशय की और झेलम नदी पर मंगला जलाशय की। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों जलाशयों में पानी का लेवल अपने-अपने न्यूनतम लेवल के करीब पहुंच गया है।


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जलाशयों में पानी का लेवल गिरने का क्या है मतलब?

जलाशयों में पानी का लेवल गिरने का मतलब है कि पानी का प्रवाह खत्म होने के काफी करीब है। इससे न सिर्फ पीने के पानी का इस्तेमाल सीमित हो जाता है, बल्कि सिंचाई करने के लिए भी काफी कम पानी उपलब्ध रहता है।

खेती पर बुरा असर, कई फसलों पर छाया संकट

पाकिस्तान में पानी की किल्लत से खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे कई फसलों पर संकट छा गया है। पाकिस्तान की कई अहम फसलों में 13% से ज़्यादा की गिरावट देखने की मिली है। कपास के उत्पादन में 30% से ज़्यादा गिरावट आई है। वहीं गेहूं में करीब 9% की गिरावट दर्ज की गई है। मक्का के उत्पादन में 15% की गिरावट देखने को मिली है।

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खरीफ उत्पादन को लगा झटका

पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की कुल हिस्सेदारी में भी कमी देखने को मिली है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पिछले साल के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 24.03% से घटकर 23.54% रह गई। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की इस हिस्सेदारी में गिरावट से खरीफ उत्पादन को झटका लगा है।

सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण ने दी चेतावनी

पाकिस्तान में पानी की किल्लत को देखते हुए सरकार ने भारत सरकार से सिंधु जल समझौता रद्द करने के फैसले को वापस लेने की गुहार लगाईं है। हालांकि भारत सरकार के ऐसा करने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि खरीफ सीज़न की शुरुआत में 21% और सीज़न के अंत में 7% जल की कमी देखने को मिलेगी, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना होगा। कम उत्पादों से महंगाई बढ़ने की भी आशंका है।

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