अमेरिका का साथ क्यों चाहता है इज़रायल?
ईरान का फोर्डो परमाणु ठिकाने (Fordow Nuclear Site) देश का सबसे मुख्य परमाणु ठिकाना है, जो इज़रायली हमलों से पूरी तरह से सुरक्षित है। इज़रायल कुछ भी कर ले, वो फोर्डो परमाणु ठिकाने को तबाह नहीं कर सकता। इसकी वजह है उसका ज़मीन के काफी नीचे होना। यह एक बड़ी पहाड़ी चट्टान के करीब 90 मीटर नीचे है और इज़रायल इस ठिकाने को तबाह करना तो दूर, नुकसान भी नहीं पहुंचा सकता, क्योंकि उसके पास ऐसे हथियार नहीं हैं। अमेरिका के पास ऐसे हथियार हैं और इसी वजह से इज़रायल चाहता है कि युद्ध में अमेरिका, ईरान के खिलाफ हमले में शामिल हो।
ईरान के अन्य परमाणु भी नहीं ठिकाने नहीं हुए तबाह
एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि ईरान के नतांज़ समेत अन्य परमाणु ठिकाने, जहाँ इज़रायल ने हमला किया है, वो तबाह नहीं हुए हैं। उन ठिकानों को नुकसान ज़रूर पहुंचा है, पर वो तबाह नहीं हुए हैं।
क्या नेतन्याहू फोड़ेंगे परमाणु बम?
यह बात तो साफ है कि इज़रायल को ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने को तबाह करने के लिए अमेरिका की ज़रूरत है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अभी तक इस बात का फैसला नहीं लिया है कि वह, इस युद्ध में अमेरिकी सेना को उतारेंगे या नहीं। अगर ट्रंप इस युद्ध में इज़रायल का साथ नहीं देते, तो इज़रायल के पास ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने को तबाह करने के लिए सिर्फ एक ही तरीका बचेगा और वो है परमाणु बम का इस्तेमाल। लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि क्या नेतन्याहू, ट्रंप की मदद नहीं मिलने पर, ईरान पर परमाणु बम फोड़ेंगे? फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन लोग इसके कयास लगा रहे हैं।