हिंद महासागर क्षेत्र में मल्टी-डायमेंशनल जुड़ाव
विदेश मंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में गहरे और दीर्घकालिक जुड़ाव के महत्व पर भी जोर दिया, ताकि सभी देशों का सामूहिक विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने इस क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया।मांडवी टू मस्कट: भारत-ओमान संबंधों का जश्न
जयशंकर ने ओमान में भारत और ओमान के 70 वर्षों के राजनयिक संबंधों की सफलता और विकास पर भी बात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत बनाने के लिए एक विशेष लोगो का अनावरण किया और एक पुस्तक ‘मांडवी टू मस्कट: भारतीय समुदाय और भारत-ओमान का साझा इतिहास’ का विमोचन किया, जो ओमान में भारतीय प्रवासियों के योगदान और दोनों देशों के रिश्तों पर प्रकाश डालती है।भारत की साझेदारी और ग्लोबल विजन
एस जयशंकर ने ब्रूनेई, बांग्लादेश, ईरान, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के विदेश मंत्रियों के साथ आयोजित द्विपक्षीय बैठकों के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की साझेदारी और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में अपनी यात्रा की मुख्य बातें भी साझा कीं।भारत की सक्रिय भूमिका
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह क्षेत्र भारत के लिए सामरिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता
उन्होंने क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया, और कहा कि एक मजबूत और सुरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र वैश्विक समृद्धि के लिए आवश्यक है।मल्टी-डायमेंशनल जुड़ाव
विदेश मंत्री ने क्षेत्रीय देशों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में एक गहरे और दीर्घकालिक जुड़ाव के महत्व पर भी जोर दिया, ताकि सभी देशों का सामूहिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।हिंद महासागर क्षेत्र में ये देश हैं भारत के साझीदार
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत के कई प्रमुख साझीदार देश हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते हैं, जैसे सुरक्षा, व्यापार, विकास, और सामरिक साझेदारी। ये साझीदार देश भारत के साथ मिलकर हिंद महासागर क्षेत्र को स्थिर और समृद्ध बनाने के लिए काम करते हैं। ये हैं साझीदार देश:भारत को हिंद महासागर के इन देशों से मिल रहीं चुनौतियां
हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत को विभिन्न देशों और समस्याओं से चुनौतियां मिल रही हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा, सामरिक स्थिति, और समुद्री रास्तों के नियंत्रण से संबंधित हैं। कुछ प्रमुख देशों और पहलुओं से भारत को ये चुनौतियां हो रही हैं:चीन का सामरिक विस्तार
चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है, उसने विशेष रूप से पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यामार, और मालदीव जैसे देशों में अपनी समुद्री और सैन्य बुनियादी ढांचा कायम किया है। इससे भारत की सुरक्षा स्थिति पर खतरा हो सकता है।CPEC (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर)
पाकिस्तान में चीन द्वारा निवेश और परियोजनाओं के विस्तार के कारण भारत की समुद्री सुरक्षा पर दबाव बढ़ा है। चीन का प्रयास इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने का है।“चीनी समुद्री सिल्क रोड”: चीन हिंद महासागर के विभिन्न देशों में अपनी वाणिज्यिक और सामरिक पहुंच को बढ़ा रहा है, जिससे भारत के रणनीतिक हित प्रभावित हो सकते हैं।
पाकिस्तान और समुद्री सुरक्षा
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई बार समुद्री सीमा उल्लंघन किए हैं और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया है। पाकिस्तान के साथ समुद्री सीमा पर तनाव बना हुआ है।चीन-पाकिस्तान साझेदारी
पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते संबंध और चीनी सैन्य उपस्थिति भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चिंता का कारण हैं।श्रीलंका और चीनी प्रभाव
चीन ने श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह में भारी निवेश किया है । यह भारत के लिए चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि यह चीन को हिंद महासागर क्षेत्र में और अधिक प्रभावित करने की अनुमति देता है।मालदीव में चीन की उपस्थिति
मालदीव में चीन की बढ़ती उपस्थिति भारत के लिए चिंता का कारण बनती है, खासकर चीन की “बेल्ट एंड रोड” पहल के तहत परियोजनाओं के चलते। इससे भारत की सामरिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।मालदीव में राजनीतिक संकट
मालदीव में राजनीतिक अस्थिरता और बाहरी देशों से समर्थन प्राप्त करने की प्रवृत्तियां भारत के लिए एक चुनौती बन सकती हैं।म्यान्मार में चीन का प्रभाव
म्यान्मार में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक उपस्थिति भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। म्यांमार की आंतरिक अस्थिरता और सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों के कारण भारत की सुरक्षा स्थिति पर खतरा मंडराता है।इंडोनेशिया के समुद्री मार्गों पर प्रतिस्पर्धा
हिंद महासागर में रणनीतिक समुद्री मार्गों पर चीन और अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा पर दबाव बढ़ सकता है। इन चुनौतियों के साथ, भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सुरक्षा, वाणिज्यिक मार्गों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सतर्क रहना पड़ता है।हिंद महासागर भारत के लिए कितना अहम है?
हिंद महासागर भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप की सुरक्षा, समृद्धि और सामरिक स्थिति को प्रभावित करने में केंद्रीय भूमिका निभाता है। इसके महत्व के कई प्रमुख कारण हैं:- सामरिक और सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण
- आर्थिक महत्व, व्यापार और समुद्री मार्ग
- जियोपॉलिटिकल महत्व
- पर्यावरणीय और जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियाँ
- जनसंख्या और आप्रवासन