क्या है पूरा मामला?
दरअसल इंग्लैंड में 50 साल की टीचर अमांडा ब्राउन ने अपनी बच्चियों से उनके आईपैड्स छीन लिए। बच्चियों से किसी मामले पर बहस होने पर अमांडा ने उन्हें सज़ा देने के लिए कुछ देर के लिए उनके आईपैड्स छीन लिए। यह मामला 26 मार्च का है। पुलिस को 40 साल के एक शख्स ने कॉल करके सेफ्टी को लेकर चिंता जताई और आईपैड्स के चोरी होने की बात बताई। पुलिस ने आईपैड्स को ट्रेस किया, तो पता चला कि वो अमांडा के दूसरे घर पर हैं, जहाँ अमांडा ने उन्हें अपनी बच्चियों से छीनने के बाद रखा था।
पुलिस ने किया अमांडा को गिरफ्तार
पुलिस को जब अमांडा के दूसरे घर से आईपैड्स मिले, तो पुलिसकर्मियों ने अमांडा से उन्हें लौटाने के लिए कहा। अमांडा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो चोरी के आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
कुछ घंटे जेल में बिताने पड़े
पुलिस, अमांडा को जेल ले गई, जहाँ उसे कुछ घंटे बिताने पड़े। इतना ही नहीं, जब अमांडा की 80 साल की माँ ने पुलिस को रोकने की कोशिश की, तो पुलिस ने अमांडा की माँ से भी बुरे तरीके से बात की।
सच पता चलने पर अमांडा को छोड़ा
अमांडा के वकील को जब इस बारे में पता चला, तो उसने पुलिस स्टेशन पहुंचकर सच्चाई बताई। पुलिस को जब पता चला कि अमांडा ने आईपैड्स चोरी नहीं किए हैं, बल्कि अपनी ही बेटियों से छीने हैं, तो अमांडा को जमानत पर रिहा कर दिया।
अमांडा ने की पुलिस की निंदा
रिहा होने के बाद अमांडा ने बताया कि पुलिस ने उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया, जो बिल्कुल गलत था। अमांडा ने कहा कि यह एक पारिवारिक मामला था, आपराधिक मामला नहीं और पुलिस को इसे समझना चाहिए था। पुलिस ने तो इस मामले की कार्रवाई जारी रहने तक जमानत की शर्त के तौर पर अमांडा से अपनी बेटियों से मिलने और बात करने पर भी रोक लगा दी। हालांकि अगले ही दिन पुलिस ने इस मामले को बंद करते हुए अमांडा पर लगे आरोप को हटा दिया और साथ ही जमानत की शर्त के अनुसार अमांडा से अपनी बेटियों से मिलने और बात करने की रोक को भी हटा दिया।