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दोहा में ट्रंप से मिले Mukesh Ambani, जानिए क्या है मुलाकात की असली वजह?

Mukesh Ambani Meets Donald Trump: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कतर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। यह मुलाकात वैश्विक व्यापारिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य में चर्चा का विषय बन गई है।

भारतMay 15, 2025 / 03:28 pm

Devika Chatraj

Donald Trump Doha Visit: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कतर की राजधानी दोहा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड (Donald Trump) ट्रंप और कतर (Qatar) के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी (Tamim bin Hamad Al Thani) से मुलाकात की। यह मुलाकात 14 मई को दोहा के लुसैल पैलेस में आयोजित एक राजकीय रात्रिभोज के दौरान हुई, जिसे कतर के अमीर ने ट्रंप के सम्मान में आयोजित किया था। यह मुलाकात वैश्विक व्यापारिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य में चर्चा का विषय बन गई है।

ट्रंप का दूसरा विदेश दौरा

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक स्तर पर कई अहम घटनाएं सामने आ रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप, जो अपने दूसरे कार्यकाल के लिए हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं, कतर की यात्रा पर हैं। यह उनका दूसरा विदेशी दौरा है। दूसरी ओर, मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का कतर के सॉवरेन वेल्थ फंड, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) के साथ पहले से ही निवेश संबंध है। QIA ने रिलायंस के रिटेल वेंचर में करीब 1 अरब डॉलर का निवेश किया है। इसके अलावा, ट्रंप के हालिया टैरिफ नीतियों का रिलायंस के कारोबार पर असर पड़ा है। विशेष रूप से, वेनेजुएला से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रिलायंस को नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि यह मुलाकात इन व्यापारिक चुनौतियों और भविष्य के अवसरों पर केंद्रित हो सकती है।

मुलाकात की संभावित वजहें

व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना: रिलायंस इंडस्ट्रीज के कतर और अमेरिका दोनों के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं। यह मुलाकात रिलायंस के लिए दोनों देशों के साथ अपने कारोबारी हितों को और मजबूत करने का अवसर हो सकती है। विशेष रूप से, कतर के साथ ऊर्जा और रिटेल क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर चर्चा: ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने भारतीय कारोबारों, विशेष रूप से रिलायंस जैसे बड़े समूहों पर असर डाला है। यह मुलाकात टैरिफ से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के संदर्भ में रिलायंस के हितों को आगे बढ़ाने का प्रयास हो सकती है।
भू-राजनीतिक संतुलन: भारत-पाकिस्तान तनाव और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के बीच यह मुलाकात क्षेत्रीय स्थिरता और व्यापारिक सहयोग के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अंबानी की मौजूदगी दोनों देशों के बीच मध्यस्थता या व्यापार-केंद्रित बातचीत को प्रोत्साहित करने का प्रयास हो सकती है।
निवेश और तकनीक पर फोकस: रिलायंस का ध्यान डिजिटल सर्विसेज, ग्रीन एनर्जी, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे क्षेत्रों पर है। कतर और अमेरिका के साथ साझेदारी इन क्षेत्रों में निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ा सकती है।

पहले भी हो चुकी है मुलाकात

यह मुकेश अंबानी और डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी मुलाकात है। इससे पहले जनवरी 2025 में, अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था और उनके साथ कैंडल लाइट डिनर में शामिल हुए थे। यह लगातार मुलाकातें दोनों के बीच बढ़ते रिश्तों और रिलायंस के वैश्विक प्रभाव को दर्शाती हैं।

वैश्विक व्यापारिक जगत में चर्चा

इस मुलाकात ने वैश्विक व्यापारिक समुदाय में उत्सुकता पैदा की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस मुलाकात को लेकर कई पोस्ट वायरल हो रही हैं। कुछ यूजर्स का मानना है कि यह मुलाकात ट्रंप के उस दावे को मजबूती देती है कि उन्होंने व्यापार के जरिए भारत-पाकिस्तान जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर समझौते कराए हैं।

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