पाकिस्तान में छोटी उम्र में ही बच्चियों की शादी कर दी जाती है। इसके खिलाफ यूनिसेफ ने मुहिम चलाई है और सबा कमर को अंबेस्डर बनाया है। Unicef
पाकिस्तान में बाल विवाह एक कड़वा सच है, जो हर साल लाखों मासूम जिंदगियों को समय से पहले बड़ा बना देता है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में हर छह में से 1 लड़की बाल विवाह की शिकार है, जबकि देश में 1.9 करोड़ से अधिक बालिका वधू मौजूद हैं। यह स्थिति तब है, जब वहां 16 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी पर कानूनी रोक है। मगर यह कानून कागजों तक सीमित है। यूनीसेफ ने पाकिस्तान में बाल विवाह रोकने के लिए मुहिम चलाई हुई है और पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा कमर को इसका ब्रांड अंबेस्डर बनाया है।
इसी कुप्रथा की शिकार 17 साल की इक्रा जवर बताती है कि जब वह 13 साल की थी तब उसकी शादी कर दी गई। उसके बाद उसकी पहली बेटी पैदा हुई। वह स्वस्थ थी लेकिन 2 महीना ही जिंदा रही। क्योंकि इक्रा को डिलीवरी के बाद काफी दिक्कत हुई थी। 2 से 3 महीने अस्पताल में रुकना पड़ा था। इस कारण वह बेटी का ध्यान नहीं रख सकी और वह चल बसी। इक्रा को उस दौरान लगा कि वह भी खत्म हो जाएगी। उसके बाद उसे 4 बच्चे और हुए।
शादी से पहले कभी नहीं पूछते
इक्रा ने DW के पत्रकार को बताया कि शादी उसकी मर्जी से नहीं हुई। घर के बड़े खुद ही फैसला ले लेते हैं कि कब शादी करनी है और किससे करनी है। उसकी शादी उसके कजन से कर दी गई। जब स्कूल जाने की उम्र थी तो शादी कर दी गई। अब पूरा दिन खाना बनाने, धुलाई-सफाई और बच्चों की परवरिश में चला जाता है।
नैना 14 की तो शौहर 15 का
ऐसी ही जिंदगानी नैना बहादुर की है। वह बताती है कि जब उसकी शादी हुई तो उसकी उम्र 13-14 साल की थी। उसका मियां 15 साल का था। फिर हमको घर से निकाल दिया। पाकिस्तान में लड़कियों की शादी करने के बाद उन्हें निकाल देते हैं। यह हाल सिर्फ लड़कियों का नहीं बाल विवाह करने वाले लड़कों का भी है।
15 साल की होते-होते कर देते हैं शादी
जानकार बताते हैं कि वैसे तो पाकिस्तान में लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर कानून है पर उसका पालन ढंग से नहीं होता। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 15 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते 12 फीसदी लड़कियों की शादी हो जाती है। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट ममताज गोहर बताते हैं कि पाकिस्तान में बच्चियों की बदकिस्मती यह है कि परिवार में कभी उनकी राय नहीं ली जाती। उन पर सीधे फैसला थोप दिया जाता है।
लड़के भी बाल विवाह से परेशान
ऐसे ही एक लड़के राजा वल्द जुल्फिकार की कहानी है, जो बताता है कि न वह पढ़ा-लिखा है और न ही उसके पास नौकरी है। लेकिन परिवारवालों ने उसकी शादी कर दी और घर से निकाल दिया। राजा बताता है कि मूंछ-दाढ़ी हुई नहीं की परिवारवाले शादी कर देते हैं। फिर घर से बाहर कर दिया। अब वह कबाड़ी का काम कर अपने परिवार का पेट पालता है।
Hindi News / World / पाकिस्तान : 17 साल की लड़की 4 बच्चों की मां, निकाह करा बेघर कर दिए जाते नाबालिग लड़के