क्या है हिप्पोकैंपस?
हिप्पोकैंपस, दिमाग का वो हिस्सा है जो सीखने, याद रखने और भावनाओं को समझने में हमारी मदद करता है। यह दिमाग का काफी अहम हिस्सा है।
लंबे समय से चली आ रही बहस अब हुई खत्म
रिसर्च में बताया गया कि उम्र बढऩे के साथ हमारा मस्तिष्क कैसे विकसित होता है और इससे दिमाग से जुड़ी बीमारियों का इलाज ढूंढने में कैसे मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी रिसर्च ने लंबे समय से चली आ रही इस बहस को खत्म कर दिया कि क्या वयस्क मानव मस्तिष्क नए न्यूरॉन्स बना सकता है। बुढ़ापे में भी ऐसा होना संभव है। कैसे हुई रिसर्च?
रिसर्च में वैज्ञानिकों ने 78 साल तक के लोगों के दिमाग के ऊतकों और चार लाख से ज्यादा कोशिकाओं के न्यूक्लियस का मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म के ज़रिए विश्लेषण किया। दो तरह से परीक्षण किए। एक में 14 वयस्क मस्तिष्क में से 9 में न्यूरॉन्स बनने के प्रमाण मिले, जबकि दूसरी विधि में 10 में से सभी 10 में न्यूरॉन्स बनने के संकेत मिले।
काफी पुरानी है यह बहस
इंसानी दिमाग में बुढ़ापे में न्यूरॉन्स बनते हैं या नहीं, इस विषय पर चल रही बहस काफी पुरानी है। 1998 में भी कैंसर के मरीजों पर की गई रिसर्च में ऐसे ही नतीजे मिले थे। 2013 में इसी इंस्टीट्यूट ने रिसर्च में कहा था कि ये न्यूरॉन्स जीवन पर्यंत बनते हैं, लेकिन तब इस पर सहमति नहीं बन पाई थी। नई रिसर्च ने इसे पूरी तरह साबित कर दिया है।