बढ़ती आबादी के कारण आएगा प्रलय
हेंज वॉन फॉस्ट ने बताया की जैसे-जैसे वैश्विक जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, संसाधनों पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस जनसंख्या वृद्धि के कारण भोजन और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों की मांग में भी भारी इजाफा हो रहा है, जो प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव डाल रहा है। बढ़ती आबादी के साथ खाद्य उत्पादन में भी गंभीर संकट पैदा होने की आशंका है। वॉन फॉस्टर का अनुमान है कि 2026 तक खाद्य असुरक्षा विश्व स्तर पर एक बड़े पैमाने पर बढ़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप लाखों लोगों को पर्याप्त भोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
शहरीकरण से हो रहा प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान
अनियंत्रित शहरीकरण न केवल पर्यावरण पर भारी दबाव डाल रहा है, बल्कि इससे गरीबी, भीड़भाड़ और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। शहरी क्षेत्रों में संसाधनों का असमान बंटवारा और लगातार फैलते शहरों का प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। दूसरी ओर, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग और वनों की कटाई जलवायु संतुलन को बिगाड़ रही है। वनों के घटने से ग्लोबल वार्मिंग और जैव विविधता की हानि जैसी पर्यावरणीय समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं।
कैसे करें बचाव?
अनियंत्रित शहरीकरण, गरीबी और भीड़भाड़ से बचाव के लिए व्यापक और सतत उपायों की आवश्यकता है। सबसे पहले, स्मार्ट सिटी विकास और सतत शहरी नियोजन पर ध्यान देना होगा, जिसमें ऊर्जा-कुशल भवन, हरित क्षेत्रों का संरक्षण और मिश्रित भूमि उपयोग शामिल हो, ताकि संसाधनों का समान वितरण हो सके और भीड़भाड़ कम हो। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है, जैसे कि मेट्रो, बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और साइकिल लेन, जो निजी वाहनों पर निर्भरता को कम करें और ट्रैफिक को नियंत्रित करें। गरीबी उन्मूलन के लिए कौशल विकास, छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन और किफायती आवास योजनाओं को लागू करना जरूरी है, ताकि झुग्गी-झोपड़ियों की समस्या कम हो और सभी को सुरक्षित आवास मिल सके। साथ ही, स्वच्छ पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का समान वितरण सुनिश्चित करना होगा, जिसमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी को भी बढ़ावा देना चाहिए। ये भी पढ़ें :
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पर्यावरण संरक्षण के लिए वनों की कटाई रोकने, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने और अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करने की जरूरत है। इसके अलावा, जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना होगा, ताकि लोगों को संसाधनों के सीमित उपयोग और टिकाऊ जीवनशैली के प्रति जागरूक किया जा सके। इन सभी उपायों से अनियंत्रित शहरीकरण, गरीबी और भीड़भाड़ की समस्याओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।