बगराम एयरबेस क्यों बना विवाद का केंद्र ? (Bagram Airbase China control)
ट्रंप ने बगराम एयरबेस को रणनीतिक रूप से अहम बताया। उनके मुताबिक, यह एयरबेस चीन के परमाणु केंद्र से केवल एक घंटे की दूरी पर था। उन्होंने दावा किया कि अब यह एयरबेस चीन के नियंत्रण में है – हालाँकि अफगान सरकार ने इसे खारिज किया है।क्या अमेरिका लौटेगा अफगानिस्तान ?
सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेताया कि अफगानिस्तान विदेशी सैनिकों की वापसी को कभी स्वीकार नहीं करेगा। सैन्य विश्लेषक यूसुफ अमीन ज़ज़ई के अनुसार, “चाहे अमेरिका कितना भी ताकतवर हो, अफगानिस्तान अपनी ज़मीन पर दखल बर्दाश्त नहीं करेगा।”अमेरिकी रक्षा विभाग ने कुछ नहीं कहा
अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) ट्रंप के आरोपों पर अब तक चुप है, लेकिन पूर्व सैन्य अधिकारी इन टिप्पणियों को “राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश” बता रहे हैं।अफगान तालिबान की खामोशी अर्थपूर्ण
अफगान तालिबान ने इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे इसे “अमेरिकी आंतरिक राजनीति का मुद्दा” मान रहे हैं।अमेरिकी जनता में मतभेद
रिपब्लिकन समर्थक ट्रंप की बातों से सहमत दिख रहे हैं और वापसी को “बड़ा रणनीतिक ब्लंडर” मानते हैं। वहीं डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रंप खुद ही 2020 में अफगानिस्तान से वापसी की योजना पर हस्ताक्षर कर चुके थे।सुलगते सवाल: आगामी रिपोर्टिंग या संभावित विकास
क्या ट्रंप अफगानिस्तान पर नई नीति पेश करेंगे ? – अब तक ट्रंप की कोई स्पष्ट अफगान नीति सामने नहीं आई है। उनकी अगली रैली या प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर ध्यान रहेगा।– ट्रंप ने इस एयरबेस को चीन के करीब बताते हुए इसे रणनीतिक बताया है। क्या यह भविष्य की सैन्य योजनाओं में आएगा ? क्या यह बयान 2024 के चुनावों के लिए रणनीतिक है ?
– ट्रंप अफगान वापसी को एक बड़ा मुद्दा बना सकते हैं, खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर।
– अमेरिका की नई नीति और अफगानिस्तान में बदलते हालात को देखते हुए यह एक गंभीर सवाल है। ट्रंप बनाम बाइडेन: कौन है वापसी के लिए ज़िम्मेदार?