ट्रंप का क्या है ये आदेश?
डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश के मुताबिक अमेरिकी सरकार के DEI कार्यक्रम के कर्मचारियों को पेड लीव पर भेजने का आदेश मिला है। ट्रंप के आदेश के बाद इसकी जानकारी अमेरिका के कार्मिक प्रबंधन कार्यालय (Office of Personnel Management) ने ज्ञापन से दी, ये बीते मंगलवार को जारी किया गया था। इसमें निर्देश दिया गया था कि DEI कार्यालय के कर्मचारियों को 22 जनवरी शाम 5 बजे तक पेड लीव पर रखना था, साथ ही ये भी कहा गया था कि वे एक ऐसे प्लान पर काम करें जिससे इन कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा सके। इन कर्मचारियों की ये स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक ट्रम्प प्रशासन इस कायक्रम में कर्मियों की छंटनी और वैकल्पिक नियुक्तियों के बारे में कोई दूसरा फैसला नहीं ले लेता।
सरकारी प्रमुखों को करना होगा ये काम
DEI को जो आदेश मिला था उसके मुताबिक 22 जनवरी शाम 5 बजे तक तुरंत ये काम किए जिसमें- 1-कर्मचारियों से कहा गया कि वे उन लोगों के बारे में बताएं, जो कोड वर्ड का यूज कर विभाग के कार्यक्रमों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। 2- सभी कर्मचारियों को बताया गया कि कि उन्हें तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेजा जा रहा है। 3- सभी मीडिया प्लेटफॉर्म (डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट) को हटा दिया गए, जो DEI कार्यक्रमों और सेवाओं को बढ़ावा देते हैं।
4- इस विभाग से जुड़े सभी ट्रेनिंग प्रोग्राम बंद कर दिए गए। 5- सभी DEI ठेकेदारों को बर्खास्त कर दिया गया।
अब 31 जनवरी तक करना होगा ये काम
आदेश के मुताबिक अब सरकारी प्रमुखों को 31 जनवरी तक डेडलाइन दी गई है जिसमें उन्हें ये काम और करने होंगे, इसमें- 1- DEI कर्मियों के लिए OPM को लिखित तौर पर कर्मचारियों की छंटनी के बारे में प्लान बताना होगा। 2- 5 नवंबर 2024 के बाद से जिन अनुबंधों या कार्मिक पदों को बदल दिया गया था उनके बारे में पूरी जानकारी देनी है।
क्या है DEI, इससे क्या भारतीय भी होंगे प्रभावित
बता दें कि DEI य़ानी अमेरिका का विविधता, समानता और समावेशन का कार्यक्रम है। इसकी उत्पत्ति 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम से हुई है। इसका काम कई सामाजिक-आर्थिक बैकग्राउंड वाले, हर तरह के लोगों के लिए चाहे वे विदेशी हों या देसी, चाहे वे महिला हो य़ा पुरुष, गरीब हो या अमीर, किसी भी लिंग के हों, किसी भी नस्ल के हों, हर किसी के लिए उच्च शिक्षा और नौकरी तक पहुंच बढ़ाने और इसमें आने वाली समस्याओं का निपटान करना है। ये रोजगार और शिक्षा में भेदभाव को रोकता है। लेकिन अब ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश, 1960 के दशक के कानून को वापस लेने से 2.4 मिलियन से ज्यादा कर्मियों के बेरोजगार होने का संकट पैदा हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप के DEI पर दिए गए इस आदेश से लाखों लोगों पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि कर्मियों की ‘छुट्टी’ से और विभाग के कई काम बंद होने से भारतीय समेत कई लोगों की उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए संकट पैदा हो सकता है। साथी ही इस कार्यक्रम के लिए काम करने वाले लाखों लोगों की नौकरी पर खतरा पैदा हो गया है।
ट्रंप ने क्यों दिया ये आदेश
ट्रम्प ने इस कार्यकारी आदेश को रद्द करते हुए कहा था कि अमेरिकी समाज के कई बड़े और अहम संस्थानों ने DEI की आड़ में खतरनाक, अपमानजनक और अनैतिक जाति और लिंग-आधारित वरीयताओं को अपनाया है और इनका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है। DEI में भेदभाव कर ही नियुक्तियां हो रही हैं। राजनीतिक दल के आधार पर प्यू रिसर्च ने शोध किया कि DEI में 78% डेमोक्रेटिक और डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले कर्मचारी थे, जबकि रिपब्लिकन और रिपब्लिकन-झुकाव वाले कर्मचारी केवल 30% थे। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप ने इन डेमोक्रेटिक झुकाव वाले कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
भारतीयों पर क्या असर
अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए DEI ने काफी अहम रोल निभाया है। इस विभाग के जरिए भारतीयों को नौकरी और शिक्षा के लिए समान अवसर मिले हैं। क्योंकि ये विभाग हाशिए पर पड़े समुदायों के व्यक्तियों के लिए कैरियर ग्रोथ में अहम भूमिका निभाता है। NBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर अमेरिकन यूनिवर्सिटी के रॉबर्ट टोबियास ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प का आदेश बहुत आगे तक जाता है। उन्हें DEI कार्यक्रमों को खत्म करने का अधिकार है।
टोबियास ने कहा कि उन्हें संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजकर और उन्हें सौंपा गया काम अच्छी तरह से करने के बावजूद उनकी नौकरी खत्म करके सजा देने का अधिकार है। वहीं सबसे बड़े संघीय कर्मचारी श्रमिक संघ AFGE की नीति निदेशक जैकलीन साइमन ने कहा कि अभी ये साफ नहीं है कि इन कर्मचारियों का क्या होगा। उन्हें दूसरी सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने या या नियुक्त होने का मौका मिल सकता है और नहीं भी, लेकिन असल में क्या होने वाला है, वो अभी किसी को नहीं पता है।