ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक जब भी नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ होती है तो मां पालकी (डोली) में सवार होकर आती हैं। इससे गुप्त नवरात्रि के दौरान तेज बारिश के योग बनेंगे। देवी मंदिरों में घट स्थापना के साथ हवन, पुष्पांजलि और महाआरती होगी। सप्तशती के मंत्रों से यज्ञ में आहुतियां दी जाएंगी। शतचंडी, ललिता सहस्त्रनाम और सप्तशती का पाठ होगा।
गलता रोड स्थित गीता गायत्री मंदिर, दुर्गामाता मंदिर (दुर्गापुरा), कालक्या माता (झालाना), सांगानेर, दिल्ली रोड, झालाना बायपास व आगरा रोड सहित अन्य स्थानों पर स्थित देवी मंदिरों में माता की पोशाक और ज्योत प्रज्वलित करवाने के लिए बुकिंग भी भक्तों की ओर से करवाना शुरू हो चुकी है। अजमेर रोड केशुपुरा स्थित बगलामुखी मंदिर में मां बगलामुखी माता की पूजा अर्चना की जाएगी।
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गुप्त नवरात्रि में महाविद्या की पूजा
ज्योतिषाचार्य पं.सुधाकर पुरोहित ने बताया कि साल में चार बार नवरात्र होती हैं। चैत्र और आश्विन माह में शारदीय नवरात्र तथा आषाढ़ और माघ मास में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
गुप्त नवरात्रि के नौ दिन मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाएगी।