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खरमास में पूजा और दान का अक्षय फल, ज्योतिषी से जानें इस महीने क्या करें और क्या न करें

Kharmas Me Puja Karna Chahiye Ya Nahin: खरमास स्नान दान और पूजा पाठ का महीना है। मान्यता है कि इस समय खरमास दोष के कारण मांगलिक कार्य पर रोक रहती है, लेकिन पूजा और दान का अक्षय फल मिलता है। आइये जानते हैं खरमास में क्या करें और क्या न करें ( kharmas me kya daan karna chahiye 2025)

भारतMar 10, 2025 / 07:31 am

Pravin Pandey

kharmas me puja karna chahiye ya nahin

kharmas me puja karna chahiye ya nahin: खरमास में पूजा करना चाहिए या नहीं

Kharmas Me Kya Nahi Karna Chahiye: ज्योतिषाचार्य डॉ. व्यास ने बताया कि खरमास विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नए काम की शुरुआत आदि मांगलिक कर्मों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहता है। लेकिन यह पूजा पाठ के नजरिये से बेहद शुभ महीना होता है। विशेष बात यह है कि खरमास 2025 होली से शुरू हो रहा है।

इन दिनों में मंत्र जप, दान, नदी स्नान और तीर्थ दर्शन करने की परंपरा है। इस परंपरा की वजह से खरमास के दिनों में सभी पवित्र नदियों में स्नान के लिए काफी अधिक लोग पहुंचते हैं। साथ ही पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में भक्तों की संख्या बढ़ जाती है।

इस महीने में शास्त्रों का पाठ करने की परंपरा है। धर्म लाभ कमाने के लिए खरमास का हर एक दिन बहुत शुभ है। इस महीने में किए गए पूजन, मंत्र जप और दान-पुण्य का अक्षय पुण्य मिलता है। अक्षय पुण्य यानी ऐसा पुण्य जिसका शुभ असर पूरे जीवन बने रहता है।

खरमास में करें भागवत कथा का पाठ (kharmas me puja karna chahiye ya nahin)

भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार खरमास में श्रीराम कथा, भागवत कथा, शिव पुराण का पाठ करें। रोज अपने समय के हिसाब से ग्रंथ पाठ करें। कोशिश करें कि इस महीने में कम से कम एक ग्रंथ का पाठ पूरा हो जाए।
ऐसे करने से धर्म लाभ के साथ ही सुखी जीवन जीने से सूत्र भी मिलते हैं। ग्रंथों में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारेंगे तो सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं।

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खरमास में इष्ट की पूजा का विशेष फल

खरमास में अपने इष्टदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए, मंत्र जप करना चाहिए। इनके साथ ही इस महीने में पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में दर्शन और पूजन करना चाहिए। तीर्थ यात्रा करनी चाहिए।

खरमास में पवित्र नदी में स्नान का महत्व

किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें अपने घर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए। पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।

खरमास में दान का महत्व (kharmas me kya daan karna chahiye)

कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास व्यास के अनुसार खरमास में दान करने से तीर्थ स्नान जितना पुण्य फल मिलता है। इस महीने में निष्काम भाव से ईश्वर के नजदीक आने के लिए जो व्रत किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है और व्रत करने वाले के सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इस दौरान जरूरतमंद लोगों, साधुजनों और दुखियों की सेवा करने का महत्व है।

खरमास में दान के साथ ही श्राद्ध और मंत्र जाप का भी विधान है। पूजा-पाठ के साथ ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल का दान जरूर करें। किसी गोशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं।

इस पूजा सामग्री से पूजा करें

घर के आसपास किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें। पूजन सामग्री जैसे कुमकुम, घी, तेल, अबीर, गुलाल, हार-फूल, दीपक, धूपबत्ती आदि।

खरमास में सूर्य पूजा (Kharmas Me Surya Puja)

भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार खरमास में सूर्य की पूजा रोज करनी चाहिए। इसके लिए सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। जल में कुमकुम, फूल और चावल भी डाल लेना चाहिए। सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें।

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