मां बगलामुखी विनियोग मंत्र (Maa Baglamukhi Viniyog Mantra )
ॐ अस्य श्रीबगलामुखी ब्रह्मास्त्र मंत्रस्य भैरव ऋषि विराट् छन्दः श्री बगलामुखी देवता, क्लीं बीजम् ऐं शक्तिः श्रीं कीलकं श्री महामाया बगलामुखी वरप्रसाद सिद्धि द्वारा ममसर्वाभीष्ट सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।ऋष्यादि न्यास
शिरसि, भैरव ऋषयेनमः । मुखे, विराट् छन्द से नमः । हृदि, गलामुखी देवतायै नमः । गुह्ये क्लीं बीजाय नमः। पादयो, एं शक्तये नमः । सर्वाङ्गे, श्रीं कीलकाय नमः । ये भी पढ़ेंःषडङ्गन्यास
साधना का मूल सिद्धान्त है कि देवता जैसा बन कर ही देवोपासना की जा सकती है। न्यास-विधान इसी का क्रियात्मक स्वरूप है। षडङ्गन्यास (अंगन्यास) से साधक का शरीर साधनार्थ योग्यता, साधक में देव-भाव की उत्पत्ति होती है।शिरसे स्वाहा । ममरिपूजन नाशय नाशय – मध्यमाभ्यां नमः । शिखायै वषट् । ममैश्वर्याणि देहि – देहि – अनामिकाभ्यांनमः । कवचाय हुँ ।
शीघ्रं मनोवांछितं कार्य साधय साधय कनिष्ठिकाभ्यां नमः नेत्रत्रयाय वौषट् ।
ह्रीं स्वाहा करतल करपृष्ठाभ्यां नमः अस्त्राय फट् । यह भी पढ़ें: 6 मई को कैसा रहेगा सभी 12 राशियों का दिन? पढ़ें आज का राशिफल
मां बगलामुखी ध्यान (Maa Baglamukhi Dhyan)
सौवर्णासन संस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लासिनीम् ।
हेमाभाङ्ग रुचिं शशाङ्कमुकुटां सच्चम्पक प्रयुताम् ॥
हस्तैर्मुद्गर पाश वज्र रसनाः संविभ्रतीं भूषणैः ।
व्याप्ताङ्गीं बगलामुखीं त्रिजगतां संस्तम्भिनीं चिन्तयेत् ॥
मां बगलामुखी पहला मंत्र (Baglamukhi Mantra For Manovanchhit Fal)
ॐ ह्रीं ऐं श्रीं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय – नाशय,
ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवांछितं कार्यं साधय साधय ह्रीं श्रीं स्वाहा ॥
मां बगलामुखी दूसरा मंत्र (baglamukhi mantra)
श्रीं ह्रीं ऐं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय
नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवांछितं
कार्यं साधय साधय ह्रीं श्रीं स्वाहा ॥