Sawan Shivratri 2025 Date : इस शुभ योग में शिव पूजा से मनचाहा वरदान, पढ़ें सावन का ज्योतिषीय महत्व
Sawan 2025 Start Date: सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है। मान्यता है इसमें शिव पूजा और सावन सोमवार व्रत के फल से हर दुख दर्द दूर हो जाता है। इस बार सावन 2025 के पहले दिन ऐसा शुभ योग बन रहा है, जिसमें शिव पूजा का मनचाहा वरदान मिल सकता है। ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास से जानें महत्व (Sawan 2025 Shubh Yog)
Sawan Shivratri 2025 Date: पंचांग के अनुसार सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है, जबकि पहला सावन सोमवार व्रत 14 जुलाई को पड़ेगा। खास बात यह है कि सावन 2025 की शुरुआत 4 शुभ योग में हो रही है। सावन के पहले दिन 11 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि, प्रीति योग, शिव वास और आयुष्मान योग बनेंगे।
वहीं सावन महीने का समापन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जो इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके अलावा इस महीने कई विशेष शुभ योग भी आएंगे। ऐसी मान्यता है कि इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है।
इस योग में शिवजी की पूजा से मिलेगा मनचाहा वरदान
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार सावन के पहले ही दिन एक विशेष योग बन रहा है, जिसे शिववास योग कहा जाता है। इस शुभ संयोग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। मान्यता है कि इस योग में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
सावन में शिव पार्वती की पूजा का विशेष फल
भविष्यवक्ता व्यास के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है इस महीने में जो भी पार्वती और भगवान भोलेनाथ की आराधना करता है उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Sawan Kab Se Start Hai: सावन के पहले दिन बन रहा विशेष योग (Photo Credit: Pixabay) पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। इसके फलस्वरूप महादेव ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वर दिया।
चंद्रमा की स्थिति होती है मजबूत, राहु केतु नहीं कर पाते बुरा
मान्यता है कि जो भी सावन के सोमवार में भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है उसे मनचाहा वर या वधू प्राप्त होता है। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और इसके अलावा राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है।
अखंड सौभाग्य का वरदान
भगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने से मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।