स्थानीय लोगों ने की पर्यटकों की मदद
जम्मू-कश्मीर से लौटीं चांदनी ने कहा कि हम भगवान का आभार मानते हैं। जब आतंकवादी हमला हुआ तब हम श्रीनगर के शालीमार बाग में थे। हमले की खबर से श्रीनगर में दहशत फैल गई। हमले के विरोध में स्कूल और बाजार बंद कर दिए गए और लाल चौक पर प्रदर्शन किया गया। भारतीय सेना से बहुत सहयोग मिला। स्थानीय लोग हमले के खिलाफ थे और उन्होंने पर्यटकों की मदद की। आतंकवादी हमलों में निर्दोष लोगों की जान गई है, यह अच्छा नहीं है। सरकार को ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए।
श्रीनगर में फंसे
वहीं, अंबालाल परमार ने कहा कि हम भगवान का आभार मानते हैं कि हम सुरक्षित वडोदरा पहुंच गए। वाघोडिया रोड पर रहने वाले परमार परिवार के सदस्य व अन्य रिश्तेदार मोरारी बापू की रामकथा सुनने श्रीनगर गए थे। आतंकी हमले के बाद श्रीनगर में फंस गए थे। वाहनों का आवागमन बंद होने के कारण वे जम्मू से रवाना होने वाली ट्रेन चूक गए। श्रीनगर बंद की घोषणा के बीच उन्हें लगातार दो दिनों तक वहीं होटल में रहना पड़ा। अंततः उन्होंने सरकार और सांसद से मदद मांगी। होटल मैनेजर ने उनके लिए एक निजी वाहन की व्यवस्था की। इसके चलते यह दल गुरुवार सुबह श्रीनगर से रवाना हुआ और दोपहर तक जम्मू पहुंच गया। वहां से शुक्रवार को ट्रेन में सवार हुए और शनिवार को वडोदरा पहुंचे।