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Ahmedabad: ट्राइ अधिकारी बन भारतीय लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

-गुजरात एटीएस, साइबर क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई, देहरादून, दिल्ली से दबोचा, अहमदाबाद में लगाए थे सर्वर

अहमदाबादMay 24, 2025 / 10:59 pm

nagendra singh rathore

Cyber crime
Ahmedabad. टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के अधिकारी बन दो घंटे में मोबाइल नंबर ब्लॉक हो जाएगा कहकर भारतीय लोगों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का गुजरात एटीेएस और अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने पर्दाफाश किया है। दिल्ली और देहरादून में दबिश देकर दो आरोपियों को पकड़ा है। आरोपियों ने अहमदाबाद में ठगी के लिए सर्वर लगाए थे।आरोपियों के विरुद्ध 45 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें 40 लाख की ठगी का आरोप है।अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच उपायुक्त डॉ. लवीना सिन्हा ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि मुख्य आरोपी उत्तराखंड देहरादून निवासी अनुराग गुप्ता (44) है। दिल्ली निवासी न्यू मोतीनगर निवासी लवकेश वाधवा (49) को भी पकड़ा है।

पहली बार सिप लाइन का साइबर ठगी में उपयोग

उन्होंने बताया कि पहली बार सामने आया है कि निजी कंपनी की सेवा के विज्ञापन को उपयोग की जाने वाली वैधानिक एसआईपी कॉल सेवा को आरोपियों ने साइबर ठगी में उपयोग किया है। इसके लिए अनुराग ने लवकेश और उसकी पत्नी तरुना वाधवा के नाम से सेट स्क्वेयर लर्निंग सोल्यूशन नाम की कंपनी खोली। अहमदाबाद के एसजी हाईवे पर थलतेज में कैंबे ग्रांड में नौवीं मंजिल पर ऑफिस खोली। यहां चाइनीज साइबर ठग गिरोह से जुड़ी हॉंगकॉंग की महिला सिन्डी वांग से मिलकर अहमदाबाद में तीन वीओआईपी के एसआईपी लाइन के तीन सर्वर स्थापित किए।

इरान, ईराक, थाईलैंड के नंबर का भी उपयोग

उपायुक्त सिन्हा ने बताया कि साइबर ठग गिरोह अब तक चाइना , कंबोडिया के नंबरों का उपयोग करता था। पहली बार सामने आया कि ये मलेशिया, ईराक, ईरान के नंबरों का भी उपयोग करते हैं। इन नंबरों को जर्मनी स्थित सर्वर से अहमदाबाद में स्थापित एसआईपी लाइन सर्वर पर डायवर्ट करते। ये भारतीय नंबरों को डिस्प्ले करके ट्राइ अधिकारी बन कॉल करके लोगों को ठगते थे।

4 दिन में किए 65 हजार कॉल, 45 केस

उपायुक्त सिन्हा ने बताया कि अहमदाबाद स्थित सर्वर की मदद से 20-24 अप्रेल को चार दिन में देशभर में लोगों को 65 हजार कॉल किए गए। हर दिन एक लाख कॉल की क्षमता है। एक मिनट के कॉल के प्रति कॉल के लिए सिन्डी इन्हें 48 पैसे देती थी। इन्होंने 2.60 लाख लिए उससे लिए। ट्राई अधिकारी बन लोगों को फंसाकर डिजिटल अरेस्ट कर, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड में फंसाकर गुजरात में 22, अन्य राज्यों में 23 लोगों सहित 45 लोगों से 40 लाख ठग लिए। एनसीसीपीआर पोर्टल पर शिकायतें दर्ज हैं।

करनाल जेल में हुई मुलाकात

लवकेश और अनुराग दोनों हरियाणा की करनाल सेंट्रल जेल में मिले थे। बाहर निकलकर दोनों ने ठगी का यह कार्य शुरू किया। लवकेश 10वीं तक पढ़ा है। वीजा ठगी में जेल में बंद था। अनुराग एमकॉम पढ़ा है। 18 साल से कॉल सेंटर, वीओआईपी के काम से जुड़ा है। यह डिजिटल अरेस्ट मामले में पकड़ा जा चुका है।

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