युवक सूरज को भेजा पत्र
पाकिस्तान की जेल में कैद एक भारतीय मछुआरे की ओर से युवक सूरज को भेजे गए पत्र में लिखा कि 23 जनवरी को लाडी जेल में बंद बाबू चुडासमा को कोई बीमारी नहीं थी, सुबह 4.30 बजे उन्हें अचानक सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द हुआ। उन्हें जेल के अंदर ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल के लिए एंबुलेंस बुलाई गई और सुबह 5 बजे रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मृतक के शव को जेल में लाया गया तो सभी भारतीय मछुआरों ने उनके अंतिम दर्शन किए और मौन व्रत रखा। पत्र में लिखा कि बाबू का पार्थिव शरीर समय पर पहुंच जाएगा। यह पत्र 31 जनवरी को लिखा गया था और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
217 मछुआरे बंद, 189 की सजा पूरी हो चुकी फिर भी नहीं कर रहे रिहा
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों में पाकिस्तान की जेलों में 4 भारतीय मछुआरों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान की ओर से अपहृत 217 में से 189 मछुआरे अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। दूतावास से मछुआरों का सत्यापन न होने के कारण वे अब भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। सत्यापन में देरी के कारण, सजा पूरी होने के बाद भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा रहा।