मामले के अनुसार राजकोट के 150 फीट रिंग रोड स्थित पायल मेटरनिटी हॉस्पिटल में महिलाओं के उपचार के दौरान किए जाने वाले शारीरिक चेकअप के वीडियो वायरल हुए थे। इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर अहमदाबाद सायबर क्राइम ब्रांच को जांच की जिम्मेदारी दी गई। इस संबंध में एक टीम गठित कर राजकोट भेजी गई। यहां अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण करने के बाद सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म की जांच की गई।
जांच में सामने आया था कि जिस सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर ये वीडियो अपलोड किए गए थे उसके क्रिएटर गुजरात के बाहर के हैं। इस संबंध में पूरी तरह से जांच पड़ताल की गई।
तीन टीमें गई थीं महाराष्ट्र, एक यूपी
आरोपियों को पकडऩे के लिए सायबर क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। इनमें से तीन टीम महाराष्ट्र के लातूर तथा सांगली भेजी गईं वहीं एक टीम उत्तरप्रदेश (यूपी) के प्रयागराज जिले के भींस में भेजी गई। कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों राज्यों से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दो हजार रुपए में बेची जाती थी वीडियो
तीनों आरोपियों से की गई प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि ये हैकर्स की ओर से अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों तथा सार्वजनिक जगहों के सीसीटीवी कैमरे हैक कर अपने आर्थिक लाभ के लिए क्यूआर कोड फार्म में टेलिग्राम में प्रति वीडियो 2000 रुपए में बेचते थे। इस तरह के वीडियो कुछ लोग खरीदते हैं। टेलिग्राम चेनल के जरिए इन वीडियो की बिक्री की जाती थी। इतना ही नहीं ये आरोपी विदेश में हैकर्स के साथ टेलिग्राम में वच्युअल नंबर से संपर्क में भी थे।
तीनों आरोपियों की अलग-अलग भूमिका
क्राइम ब्रांच के अनुसार आरोपियों में से प्रज्वल का मेघा एमबीबीएस एंडामैन प्रोडेक्शन नामक यू-ट्यूब चैनल है। वह डेमंश टेलिग्राम ग्रुप भी बनाता है। दूसरा आरोपी प्रज इस टेलिग्राम ग्रुप का रजिस्ट्रेशन कराने तथा बैंक खाता भी उपलब्ध कराता है। उत्तरप्रदेश का चंद्रप्रकाश नामक आरोपी सीपी मोन्डा नामक यू ट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड करता है।