अजमेर होटल अग्निकांड: मासूम को बचाने के लिए मां ने खिड़की से फेंका, फिर अस्पताल में पैर चूमकर बोली, बेटा… मुझे माफ करना
Ajmer Hotel Fire Accident: अजमेर शहर के डिग्गी बाजार में गुरुवार सुबह हुए हादसे ने शहरवासियों को झकझोर दिया। पूरे शहर में दिनभर इस घटना का जिक्र होता रहा।
अजमेर . जेएलएन अस्पताल में डेढ़ वर्षीय बेटे इब्राहिम के पैर को चूमकर माफी मांगती मां रेहाना। फोटो: वाहिद पठान
चन्द्र प्रकाश जोशी Ajmer Hotel Fire Accident: अजमेर शहर के डिग्गी बाजार में गुरुवार सुबह हुए हादसे ने शहरवासियों को झकझोर दिया। पूरे शहर में दिनभर इस घटना का जिक्र होता रहा। घटना में पति को खोने का गम और जेएलएन अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती डेढ़ साल के बेटे इब्राहिम का जिक्र हर कोई करता रहा। बेटे की हालत देख मां रेहाना के आंसू थम नहीं रहे थे। कभी वह अपने माही (पति) के साथ खुद को भी ले जाने की अल्लाह से इबादत करती दिखी तो कभी बेटे के बचने की दुआ करती दिखी।
अस्पताल में भर्ती रेहाना अपने बेड से उठी और बेटे के बेड तक पहुंची। उसके पैर चूम फूट-फूटकर रो पड़ी। बोली… मुझे माफ कर देना, मैंने सोचा कि जो बिस्तर, चादर नीचे फेंके थे वो कोई न कोई हाथों में उठाकर फैला लेगा। अफसोस कि किसी ने भी ऐसा नहीं किया और तुम्हें गहरी चोट पहुंची।
अस्पताल की आपातकालीन इकाई में दिल्ली निवासी रेहाना बार-बार बेटे के लिए दुआ करती नजर आईं। फिलहाल इब्राहिम की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे में रेहाना के पति मो. जाहिद उर्फ महेन्द्र बचने के लिए चौथी मंजिल से कूदे लेकिन सिर के बल गिरकर उनकी मौत हो गई। रेहाना को श्रमिकों ने सीढ़ी के सहारे से होटल से निकाला हालांकि वह भी हादसे में झुलस गई।
होटल में ठहरे हुए थे 21 जायरीन
दरगाह क्षेत्र से सीधे जुड़ाव के कारण अधिकांश जायरीन डिग्गी चौक में बने होटलों में ठहरते हैं। इस चार मंजिला होटल के 11 कमरों में राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और आंध्र प्रदेश के 21 जायरीन ठहरे हुए थे। आग में होटल का रिसेप्शन काउंटर तक जल गया। पुलिस अधिकारी और क्लॉक टावर थाने के स्टाफ ने जले हुए रजिस्टर, पहचान पत्र की मदद से करीब तीन घंटे में मृतकों की पहचान पुख्ता कर परिजन को इत्तला दी।