गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने राउमावि में कार्यरत उपप्राचार्यो से प्राचार्य समकक्ष पद पर डीपीसी 2023-24 की काउंसलिंग के बाद पदस्थापन आदेश जारी किए। जिसके बाद सूबे के 4028 विद्यालयों को प्राचार्य की सौगात मिली है। अलवर जिले के 147 स्कूलों को भी प्राचार्य मिल गए है। राज्य सरकार ने एक साथ सैकड़ों सरकारी विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की नियुक्ति से वर्षों से रिक्त चल रहे इन पदों पर विद्यालयों के प्रशासन, अनुशासन और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की संभावना जताई जा रही है।काउंसलिंग चार अप्रेल से शुरू हुई थी
शिक्षा विभाग में लम्बे इंतजार के बाद पदोन्नत चार हजार से भी अधिक प्राचार्य के पदस्थापन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग चार अप्रेल से शुरू हुई थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पदोन्नत शिक्षकों के पदस्थापन के लिए तीन अप्रेल को रिक्त पदों की सूची जारी कर दी। इसमें पदोन्नत चार हजार 33 पदों के लिए 4840 पद पोर्टल पर प्रदर्शित किए है। पदोन्नत प्रधानाचार्य के लिए नौ अप्रेल रात्रि 12 बजे तक स्कूलों का ऑनलाइन चयन कर लॉक करने की अंतिम तिथि थी।
वरिष्ठ अध्यापक बने व्याख्याता, स्कूल आवंटितकई माह के इंतजार के बाद वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता के लिए भी पदस्थापना आदेश हो गए। शिक्षा विभाग की ओर से पांच -छह माह पहले वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदोन्नति की वरीयता सूची जारी की थी। इसके कुछ समय बाद ऑनलाइन काउंसलिंग का शिड्यूल जारी किया था। कुछ विषयों की अधूरी काउंसलिंग होने के बाद दो -तीन बार काउंसलिंग स्थगित कर दी। शिक्षा निदेशालय ने नए सिरे से ऑनलाइन काउंसलिंग का शिड्यूल जारी कर पात्र अभ्यर्थियों से वरीयता के आधार पर स्कूलें लॉक करवा कर शनिवार को पदस्थापना आदेश जारी किए। आदेश के तहत 30 अप्रेल तक नवीन पदस्थापन स्थान पर व्याख्याताओं को कार्यभार ग्रहण करना पड़ेगा। शनिवार को हिन्दी व संस्कृत साहित्य के साथ इतिहास, गणित व भौतिक विज्ञान विज्ञान विषय से संबंधित आदेश जारी हुए थे। इन विषयों में प्रदेश में 8600 व्याख्याताओं की नियुक्ति हुई है।
शैक्षणिक स्तर में होगा सुधार प्रदेश के राउमावि में व्याख्याता की नियुक्ति से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। अब विषय विशेषज्ञ अध्यापन करवाएंगे। शैक्षणिक स्तर में सुधार होने के साथ विषय पर अच्छी पकड़ रहेगी। प्रदेश के कई राउमावि के साथ पीईईओ कार्यालय का संचालन तृतीय श्रेणी अध्यापक कर रहे थे। जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित होने के साथ ही आहरण-वितरण की भी समस्या रहती थी। इसके लिए दूसरे विद्यालयों के राजपत्रित अधिकारियों से यह कार्य करवाना पड़ रहा है।
………….. नियुक्ति आदेश विभाग की ओर से हो गएजिले के करीब 147 सरकारी विद्यालयों में प्राचार्य सहित व्याख्याताओं की नियुक्ति आदेश विभाग की ओर से हो गए है, जिससे जिले के विद्यालयों में शैक्षणिक और प्रशासनिक माहौल बेहतर होगा।मुकेश किराड, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर।