इस दौरान विधायक खींची की मौजूदगी में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने सभी सरपंचों को पार्टी का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया तथा सदस्यता ग्रहण कराई। इस घटनाक्रम से कठूमर कांग्रेस में मायूसी के साथ सन्नाटा सा छा गया। बताया जाता है कि इनमें करीब आठ सरपंच भरतपुर सांसद के समाज से हैं तथा कुछ सरपंच दोनों चुनावों में उनके कट्टर समर्थक रहे थे। कठूमर पंचायत समिति में अब 46 सरपंचों में 40 सरपंच बीजेपी के हो गए हैं।
इधर पंचायत समिति कठूमर सरपंच संघ अध्यक्ष जोरमल जाटव का कहना है कि हमने दोनों चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी संजना जाटव का साथ दिया, परन्तु सांसद बनने के बाद सिवाय उपेक्षा के कुछ नहीं मिला। यहां तक कि हमारे ओर से आमजन के हितार्थ रखी गई योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। अत: क्षुब्ध होकर एवं विधायक की कार्यशैली से प्रभावित होकर हमने भाजपा ज्वॉइन की है। खेरली रेल सरपंच प्रशांत जाटव का कहना है कि लगभग एक वर्ष से निरंतर उपेक्षा का शिकार थे। कांग्रेस में कार्यकर्ता को नहीं चापलूसों को महत्त्व दिया जा रहा है।
पंचायतीराज में कठूमर कांग्रेस विहीन: खींची
विधायक रमेश खींची ने कहा कि पंचायतीराज में कठूमर कांग्रेसविहीन हो गई है। सरपंचों ने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम भजनलाल शर्मा के विकास को देखते हुए भाजपा का दामन थामा है। क्षेत्र के सरपंच सरकार की योजनाओं से प्रसन्न हैं। साथ ही ये निरंतर भरतपुर सांसद की उपेक्षा का शिकार होकर स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे थे। अब सभी को साथ लेकर कठूमर विधानसभा में अभूतपूर्व विकास के लिए तत्पर है।