मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि यह शिविर अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी सरकार चाहती है कि किसान, मजदूर, दिव्यांग, महिलाएं और युवा सभी को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने बिजली, पानी, पशुपालन, सड़क, स्वच्छ जल, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी समस्याओं का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने टंकियों की सफाई, विद्युत तारों की मरम्मत, ट्रांसफॉर्मरों के आसपास की घास हटवाने और बारिश से पूर्व पशुओं के टीकाकरण जैसे कार्यों पर ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा राजस्थान में विकास की सबसे बड़ी जरूरत पानी और बिजली की है। हमारी सरकार ने आरसीबी योजना, यमुना समझौता, देवास स्कीम, ब्राह्मणी नदी और इंदिरा गांधी नहर सहित कई बड़ी योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2027 तक किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने और राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार 5 वर्षों में 4 लाख से अधिक नौकरियों की नियुक्ति करेगी, जिनमें से अब तक 69,000 नियुक्ति हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल योजना बनाना नहीं है, बल्कि गरीब को गणेश मानकर उसे उसका अधिकार देना है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने ‘हरियाळो राजस्थान’ अभियान के तहत एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान भी किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, विधायक बाबा बालक नाथ, विधायक सुखवंत सिंह, जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर, पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं आमजन व पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।