जेसीबी का यह था मामला
नगर निगम ने अप्रैल में दो जेसीबी एक नामचीन कंपनी से खरीदी थीं। इनकी कीमत 70 लाख से ज्यादा है। इसका भुगतान होने ही वाला था कि पत्रिका ने गाजियाबाद नगर निगम की ओर से उसी कंपनी की खरीदी गई सस्ती जेसीबी का खुलासा कर दिया। गाजियाबाद में एक जेसीबी 28 लाख की खरीदी गई।वहीं अलवर नगर निगम ने 35 लाख में खरीदी। जैसे ही मामला सार्वजनिक हुआ तो सरकार के पास शिकायत पहुंच गई। उप निदेशक ने जवाब मांगा, लेकिन निगम ने हवा में उड़ा दिया। अब दोबारा बिंदुवार जवाब मांगा गया है। वहीं, दूसरी ओर नगर निगम ने इस मामले की अपने स्तर से जांच भी नहीं कराई है। यह मामला भी नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली विधानसभा में उठाएंगे।
सरकारी आदेशों की अवहेलना नहीं की जा सकती है, इसलिए लगाए गए आरोपों पर बिंदुवार जवाब दें। इस मामले से जुड़ी फाइलों की सत्यापिक कॉपी भेजी जाए। मालूम हो कि निगम ने नए सफाई बजट का प्रस्ताव 272 करोड़ का तैयार कर सरकार को भेजा था, जो अटका हुआ है।