Kankwari Fort Alwar: राजस्थान के किलों में छिपे रहस्य, कहानी और इतिहास देसी ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हर साल लाखों पर्यटक इनको देखने के लिए आते है। प्रदेश के अलवर जिले में भी कई ऐसे किले हैं जो देश-दुनिया में चर्चित हैं। इनमें से भानगढ़ किले के बारे में तो आपने सुना होगा, भानगढ़ के किले को भूतिया किस्सों की वजह से ज्यादा जाना जाता है। इसे भूतिया किला तक कहा जाता है।
अलवर शहर में स्थित बाला किला भी काफी फेमस है, लेकिन जिले में एक और किला है जो अपनी आकृति की वजह से जाना जाता है। इस किले का नाम है कांकवाड़ी किला। फोटो साभार-Deshraj Meena कांकवाड़ी किला सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में है। आमेर के राजा जयसिंह द्वितीय ने 17वीं शताब्दी में इस किले का निर्माण करवाया था। अलवर के संस्थापक महाराजा प्रताप सिंह ने कांकवाड़ी किले का पुनर्निर्माण करवाया था।
वे खुद यहां छह माह तक रहे थे। इस किले में मुगल स्थापत्य कला की झलक भी देखने को मिलती है। औरंगजेब ने अपने भाई दाराशिकोह को इस किले में धोखे से कैद कर रखा था। बाद में उसकी हत्या भी करवा दी थी।
मुगलों के बीच हुए संघर्ष की कहानी का गवाह
एक पहाड़ी पर बना हुआ कांकवाड़ी किला देखने पर गिटार जैसा नजर आता है। बाघ रिजर्व में स्थित इस किले में बाघ, तेंदुए, हिरण और विभिन्न पक्षी प्रजातियों सहित वन्यजीवों को देखने को मिल सकते हैं। इस किले को मुगलों के बीच हुए संघर्ष की कहानी का गवाह भी कहा जाता है। आसावरी और कावेरी के बीच में सीना ताने खड़ा है कांकवाड़ी किला सरिस्का गेट से अंदर चलते ही घने जंगल मेंं 23 किलोमीटर अंदर जाकर नजर आता है।
फोटो साभार-Deshraj Meena
चारों तरफ खजूर के पेड़
पहाड़ी पर बने दुर्ग के नीचे झील है। जहां सर्दियों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी डेरा डालते हैं। कांकवाड़ी किले में प्रवेश करने पर चारों तरफ खजूर के पेड़ दिखाई देंगे, क्योंकि मुगलकाल में शारीरिक रूप से खुद को मजबूत रखने के लिए खजूर का सेवन करना किया जाता था। इसके पीछे तर्क था कि खजूर शरीर को ताकतवर रखता है।
फोटो साभार-Deshraj Meena
किले में प्रवेश प्रतिबंधित
इस किले में शहरवासियों और पर्यटकों के प्रवेश को लेकर प्रतिबंध लगाया हुआ है। यदि किसी को प्रवेश करना है तो इसके लिए अनुमति लेनी पड़ती है और रिजर्व अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन भी करना होता है। इस कारण बहुत कम संख्या में लोग यहां आ पाते हैं।