scriptछह बोर स्वीकृत, चल रहे सिर्फ तीन, पंंचायत ने योजना को हैंडओवर लेने से किया मना | Patrika News
अलवर

छह बोर स्वीकृत, चल रहे सिर्फ तीन, पंंचायत ने योजना को हैंडओवर लेने से किया मना

ठेकेदार ने पैनलों के लगाए ताले, गांव की सड़कें भी नहीं हुई सही -जगह-जगह पाइप लाइनों में लीकेज होने से हो रहा है कीचड़। ग्रामीणों को नहीं मिल रहा जल जीवन मिशन योजना का लाभ।

अलवरFeb 06, 2025 / 07:36 pm

Ramkaran Katariya

खेरली. राज्य सरकार व पीएचईडी विभाग ने कस्बा परिक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में ग्राम पंचायत के माध्यम से पेयजल आपूर्ति के लिए हर घर नल योजना के तहत घर-घर पानी देने की व्यवस्था तो की, लेकिन योजना का लाभ धरातल पर ग्रामीणों सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। परिणाम यह है कि कई करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद लोग प्यासे ही हैं।
सूत्रों के अनुसार गांवों में टंकी निर्माण, पाइप लाइन बिछाने, घर-घर नल कनेक्शन आदि समुचित व्यवस्था करने के बाद भी ग्रामीणों को पानी की सप्लाई सही ढंग से नहीं मिल पा रही है। आरोप है कि विभागीय लापरवाही और रख-रखाव न होने के चलते ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो रहा है।
नहीं आ रहा पर्याप्त पानी

गांव सौंखरी में काफी समय से ग्रामीणों को पर्याप्त पेयजल नहीं मिल रहा है। यहां जल जीवन मिशन योजना में बोर से लेकर लाइन बिछाने एवं सरकारी संख्या अनुसार 566 कनेक्शन देने थे। कंपनी के ठेकेदार नीलेश त्रिपाठी का कहना है कि योजना के टेंडर अनुसार पूरा कार्य कर विभाग की ओर से दी गई संख्या से अधिक कनेक्शन देकर पानी की सप्लाई दी गई । विभाग के दिए समय से अधिक समय तक सप्लाई दी गई। उसके बाद ग्राम पंचायत स्तर पर बनी ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी ) को हैंडओवर किया जाना था, परन्तु न तो विभाग जिम्मेदारी लेने को तैयार है और न ही ग्राम पंचायत। ग्रामीणों ने मनमर्जी से राइजिंग लाइन से कनेक्शन भी कर लिए। पैनल का दरवाजा तोड़कर ताला भी तोड़ दिया।
पंचायत के पास संसाधन नहीं

इधर ग्राम पंचायत सरपंच का कहना है कि पंचायत के पास योजना को चलाने के लिए संसाधन नहीं है। पूरे प्रदेश के सरपंच संघ पूर्व में ही मुख्यमंत्री से असमर्थता प्रकट कर चुके हैं। ठेकेदार की ओर से अभी सड़कों की मरम्मत कराने के साथ डेमेज लाइन को ठीक किया जाना बाकी है। जल स्वच्छता समिति की ओर से 264 लोगों से राशि ली थी, जो खाते में जमा है। गांव में एक ओर तो कभी पानी की सप्लाई मिल जाती है, वही दूसरी ओर एक बूंद भी पानी नहीं मिलता। कारण है कि टंकी में स्टोरेज के लिए मोटर चलाने पर वाल खुले होने के कारण टंकी नहीं भर पाती है। जिससे गांव का आधा हिस्सा पानी से वंचित रह जाता है।
1500 रुपए दिए, फिर भी बूंद पानी नहीं

ग्रामीणों का आरोप है कि हमने 1500 रुपए भी दिए। उसके बाद भी बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं। उनका कहना है कि गर्मी हो या सर्दी, पानी की समस्या बरकरार है। प्रशासन से कई बार बात की, लेकिन महज आश्वासन देकर समस्या को टाल देता है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण आंदोलन को मजबूर होंगे। गांव में हैंडपंप भी ग्रामीणों की प्यास बुझाने में असमर्थ है। लगातार जल स्तर कम होने के कारण हैंडपंपों ने भी साथ छोड़ दिया।
नहीं बनी कार्ययोजना

गांवों में बंद पड़ी नल से जल पानी की व्यवस्था को लेकर कोई कार्ययोजना अधिकारियों ने अभी तक नहीं बनाई। जिसे लेकर अधिकारी और पंचायत जन प्रतिनिधि एक-दूसरे पर थोपते नजर आ रहे है। जिसका खामियाजा गांव के लोग भुगत रहे है।
सौंखरी की योजना चालू है

सौंखरी की योजना चालू है। ठेकेदार अब इसे आगे चलाने से मना कर रहा है और वह सही भी है। उनके टेंडर अनुसार 1 साल तक योजना चलानी थी। हमने उसे बुलाया है। वह हमें सप्लाई सुचारू रूप से चला कर दिखाएगा। इसके बाद आगे पंचायत को हैंडओवर करने अथवा विभाग की ओर से चलाने से संबंधित कोई निर्णय किया जाएगा।
गिरिराज प्रसाद मीणा, सहायक अभियंता, पीएचईडी।

Hindi News / Alwar / छह बोर स्वीकृत, चल रहे सिर्फ तीन, पंंचायत ने योजना को हैंडओवर लेने से किया मना

ट्रेंडिंग वीडियो