scriptखुलेआम बिक रहे अवैध हथियार: देसी कट्टा 10 हजार और पिस्टल 35 हजार की, पूरी गारंटी है 1 नम्बर चीज दूंगा… | Patrika Big Expose Illegal weapons are being sold openly in Mewat area | Patrika News
अलवर

खुलेआम बिक रहे अवैध हथियार: देसी कट्टा 10 हजार और पिस्टल 35 हजार की, पूरी गारंटी है 1 नम्बर चीज दूंगा…

मेवात में अवैध हथियारों की तस्करी खुलेआम हो रही है। तस्कर मोबाइल कॉल पर ग्राहकों से डील करते हैं और फिर हथियारों के फोटो भेजते हैं।

अलवरFeb 01, 2025 / 03:43 pm

Santosh Trivedi

सुजीत कुमार

अलवर। मेवात में अवैध हथियारों की तस्करी खुलेआम हो रही है। तस्कर मोबाइल कॉल पर ग्राहकों से डील करते हैं और फिर हथियारों के फोटो भेजते हैं। सौदा तय होने के बाद ग्राहकों को अपने ठिकानों पर बुलाकर या फिर उनके पास जाकर हथियारों की सप्लाई दे रहे हैं। तस्करों की पुलिस से सेटिंग है। जिस कारण तस्करों के नेटवर्क के खिलाफ पुलिस कोई बड़ा एक्शन नहीं ले रही। पत्रिका रिपोर्टर ने बोगस ग्राहक बनकर एक हथियार तस्कर से बातचीत की। मोबाइल कॉल पर बातचीत में तस्कर बोला कि 10 हजार रुपए में देसी कट्टा और 35 हजार रुपए में पिस्टल दे दूंगा। पूरी गारंटी है, एक नम्बर चीज दूंगा।

अलवर और भरतपुर बन रहे अवैध हथियार

अलवर जिले के रामगढ़, गोविंदगढ़, नौगांवा, बड़ाैदामेव, खैरथल-तिजारा जिले के किशनगढ़बास, तिजारा, भिवाड़ी तथा डीग जिले के नगर, फूटाकी और भरतपुर जिले के सीकरी व पहाड़ी आदि इलाके में अवैध हथियार बन रहे हैं। यहां 315 बोर देशी कट्टा और 32 बोर देशी पिस्टल तैयार की जा रही है। ये अवैध हथियार अलवर सहित आसपास मेवात क्षेत्र में सप्लाई किए जा रहे हैं। दौसा, करौली, धौलपुर आदि आदि इलाकों से भी हथियार आ रहे हैं।

हरियाणा, यूपी और एमपी से भी सप्लाई हो रहे

इसके अलावा पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार से भी हथियारों की सप्लाई हो रही है। बड़े बदमाशों के इन राज्यों में तस्करों से सम्पर्क हैं। हरियाणा के नूंह मेवात, झिरका फिरोजपुर, पलवल व गुरुग्राम। उत्तरप्रदेश के मथुरा, अलीगढ़, प्रयागराज, बरेली, नोएडा तथा बिहार के मुंगेर जिले से अवैध हथियारों की सप्लाई हो रही है।

बॉर्डर के कारण संवेदनशील है अलवर

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर का जिला होने के कारण अलवर अपराध की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। पुराने अलवर के अपराध के आंकड़ों देखें तो पुलिस के रेकॉर्ड में हर साल 25 हजार से ज्यादा अपराध दर्ज होते हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, अपहरण, फायरिंग और गैंगवार जैसे संगीन अपराध भी काफी अधिक होते हैं।
इन अपराधों को अंजाम देने के लिए अपराधी अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं। अपराधी आसपास के जिलों और राज्यों से अवैध हथियार खरीदकर अलवर आ रहे हैं और वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वहीं, कई हथियार तस्कर भी यहां अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाई कर रहे हैं।

पत्रिका रिपोर्टर और तस्कर के बीच हुई बातचीत

रिपोर्टर : हैलो, भाई छोटा बोल रहा है क्या?
तस्कर : हां, भाई छोटा बोल रहा हूं, तू कौन बोल रहा है?

रिपोर्टर : भाई तेरा नम्बर भूपी ने दिया है। सामान (हथियार) चाहिए। मिल जाएगा क्या?
तस्कर : मिल जाएगा, क्या चाहिए?
रिपोर्टर : कितने में मिलेगा?
तस्कर : भाई, एक ही दाम है…देसी कट्टा 10 हजार रुपए का है और पिस्टल 35 हजार में दे दूंगा।

रिपोर्टर : और दाने (कारतूस) कितने में देगा।
तस्कर : एक दाना (कारतूस) 400 रुपए का है। बता कितने चाहिए?
रिपोर्टर : भाई, भूपी का दोस्त हूं, कुछ कम नहीं करेगा क्या?
तस्कर : पैसे की टेंशन मत ले…सामान (हथियार) की पूरी गारंटी है। एक नम्बर चीज दूंगा।

रिपोर्टर : सामान (हथियार) का फोटो तो भेज कैसा है?
तस्कर : ठीक है, भेजता हूं।

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