हिसार सिविल लाइन थाना प्रभारी कविता ने बताया कि पुलिस सभी संभावित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए गहन जांच कर रही है। इस जांच में मृतका के बरामद सामान और उदेश के साथ पिछले एक साल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) का विश्लेषण शामिल है, जिससे मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उदेश यादव, जो घटना के बाद 24 अप्रेल से फरार है और उसका फोन भी बंद है, उसकी तलाश में पुलिस टीमें भेजी गई हैं। सोमवार को मृतका के परिजनों ने हिसार पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और जांच में तेजी लाने की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को आश्वासन दिया कि टीमें रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और अन्य संभावित ठिकानों पर रवाना कर दी गई हैं।
नहीं मिला उदेश
मामले में संदिग्ध उदेश यादव रेवाड़ी के लिलोठ गांव का रहने वाला है। वह विवाहित है और उसका तीन साल का बच्चा भी है। उदेश, मृतका डॉ. भावना के ताऊ की बेटी का भांजा है और 2019 से हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कंट्रोलर रूम में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। पास ही उसने एक क्वार्टर किराए पर ले रखा था, जहां वह अकेला रहता था।
दिल्ली से हिसार आने की गुत्थी अनसुलझी
मृतका की मां गायत्री ने बताया कि उनकी बेटी भावना 21 अप्रेल को पीजी का टेस्ट देने के लिए दिल्ली गई थी। वहां वह दो दिन तक छोटी बहन के पास रुकी। 23 अप्रेल की सुबह करीब 11 बजे वह अपनी बहन के कमरे से निकली थी। उसी शाम उसने वीडियो कॉल पर बात की थी, तब तक वह ठीक थी और उसने 24 अप्रेल को घर लौटने की बात कही थी। परिजन इस बात से अनजान हैं कि वह दिल्ली से हिसार कैसे पहुंची और यह घटना कब हुई।