सीईसी सचिव बनुमथी जी. ने यह आदेश जारी किए है। नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव संरक्षण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने सीईसी को पत्र लिखा था कि अतिक्रमण बेशुमार है। होटल से लेकर रिसॉर्ट बन रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के बजाय अफसर संरक्षण दे रहे हैं।
इसे लेकर सीईसी ने सरिस्का व नाहरगढ़ सेंचुरी के अफसरों को पिछले माह दिल्ली तलब किया। बैठक की। सभी तथ्य सामने रखे गाए। सीईसी ने कहा था कि जल्द ही इन शिकायतों को लेकर आदेश जारी जाएंगे। सीईसी ने कहा है कि सेंचुरी के कोर व बफर एरिया में कॉमर्शियल गतिविधियां संचालित नहीं हो सकती।
उन्होंने मुख्य सचिव से कहा है कि तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाएं। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति के कैसे होटलों का संचालन हो सकता है? यह देखा जाएगा। साथ ही केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की एनओसी के भूजल दोहन की भी जांच करें और इसके बारे में अवगत कराएं।