सरिस्का टाइगर रिज़र्व से एक अच्छी खबर सामने आई है। रिज़र्व में ST-30 बाघिन को पहली बार तीन शावकों के साथ देखा गया है। यह दृश्य वन विभाग की नियमित निगरानी गश्त के दौरान सामने आया और इसे बाघ पुनर्स्थापन कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। सरिस्का में अब बाघों की संख्या 44 हो गई है, इनमें शावकों की संख्या 17 है।
करीब दो माह के प्रतीत हो रहे ये शावक बाघिन के साथ चलते हुए देखे गए और इनमें अच्छे स्वास्थ्य व सक्रियता के संकेत मिले हैं। यह पहली बार है जब ST-30 बाघिन ने शावकों को जन्म दिया है। वर्ष 2023 में उसे रणथंभौर से सरिस्का के टेहला रेंज स्थित भगानी क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया था।
ST-30 बाघिन दिखी 3 शावकों के साथ ST-30 की सफल प्रजनन प्रक्रिया सरिस्का में वन्यजीवों के लिए अनुकूल हो रहे पर्यावास और बेहतर प्रबंधन रणनीतियों की सफलता को दर्शाती है। इस उपलब्धि के बाद बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए टाइगर रिज़र्व प्राधिकरण ने निगरानी व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। कैमरा ट्रैप, ग्राउंड पेट्रोलिंग और मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम रखने जैसे उपायों पर ज़ोर दिया जा रहा है।
यह साइटिंग न केवल सरिस्का में बाघों की संख्या में संभावित वृद्धि का संकेत है, बल्कि भारत में वन्यजीव संरक्षण, विशेषकर राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सफलता का भी प्रमाण है। यह घटना आवास संरक्षण और स्थानीय समुदायों की सहभागिता की महत्ता को भी रेखांकित करती है।
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