क्या है पूरा मामला
रिंकल सिंह ने बताया कि 22 जून को उनके गांव के एक सरकारी तालाब पर दीपक सिंह, अवनीश सिंह और राजन सिंह की ओर से जबरन बांध बनाकर पानी के बहाव को रोकने की कोशिश की गई थी। इससे गांव में जलभराव की स्थिति बन रही थी। जब उन्होंने और उनके पति ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें गालियां दीं, घर में घुसकर पिटाई की और पिस्टल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। इसकी तहरीर उन्होंने पुलिस को दी लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने तहरीर में हेरफेर किया और मामले को हल्का दिखाने की कोशिश की। थाने पहुंच धरने पर बैठ गईं रिंकल
इसके बाद मंगलवार की सुबह रिंकल सिंह थाने पर पहुंच धरने पर बैठ गईं। कुछ देर बाद उनके पति संजय सिंह और किछौछा नगर पंचायत अध्यक्ष ओमकार गुप्ता भी समर्थन में थाने पहुंच गए। जनता और नेताओं के दबाव में आकर पुलिस ने एक आरोपी विनय सिंह उर्फ शिंपू सिंह को शांतिभंग की धारा में गिरफ्तार कर चालान किया। लेकिन रिंकल सिंह अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रहीं और धरना खत्म करने से मना कर दिया।
पुलिस पर लगाया दुर्व्यवहार आरोप
रिंकल सिंह की मानें तो मामला बढ़ता देख महिला थानाध्यक्ष ज्योति वर्मा महिला पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचीं और उनको बलपूर्वक वाहन में बैठाकर घर पहुंचाया। इस दौरान कथित रूप से महिला पुलिसकर्मियों द्वारा रिंकल सिंह के साथ दुर्व्यवहार किया गया। धरना खत्म होने के कुछ समय बाद रिंकल सिंह की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। एएसपी पश्चिमी हरेंद्र कुमार ने बताया कि दर्ज केस में फिलहाल जेल भेजने योग्य धारा नहीं है, लेकिन मामले की जांच जारी है।