गांधीनगर की रहने वाली 15 साल की नेशनल सब जूनियर बास्केटबॉल खिलाड़ी अंकिता गुप्ता के पिता अंडा और चना बेचकर परिवार का पालन पोषण करते थे। चार माह पहले कैंसर के कारण पिता की मौत हो गई, लेकिन अंकिता ने अपने हौसले को बनाए रखा और लगातार खेलते हुए अब वो सीनियर लेबल पर खेलने की तैयारी कर रही हैं। अंकिता की बड़ी बहन भी नेशनल नेटबॉल खिलाड़ी है।
Sunday Guest Editor: एमबीए टैलेंट सर्च प्रोग्राम में हुआ चयन
हाल ही में उसका चयन मिक्स नेटबॉल के लिए छत्तीसगढ़ की टीम में हुआ था। अंकिता की मां अब भी दोनों बेटियों को खेल में प्रोत्साहित करते हुए छोटी सी दुकान से अपना घर चला रही हैं और दोनों बेटियों को खेल का प्रशिक्षण दिला रही हैं। बचपन में वो कई घंटों तक
खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करते हुए देखा करती थी और उसी समय शहर के गांधी स्टेडियम में बास्केटबॉल के राष्ट्रीय कोच राजेश प्रताप सिंह ने जब उसके खेल के प्रति जुनून को देखा तो वो उसे खेल की बारीकियां सिखाने लगे।
अंकिता की मेहनत और लगन को देखते हुए कोच राजेश प्रताप सिंह और राजेश्वर राव ने उसकी मदद की। साल 2023 में उसे टैलेंट सर्च प्रोग्राम में शामिल किया था। इसके बाद अंकिता दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव में मुत प्रशिक्षण के साथ पढ़ाई भी करने लगी।
पिता की मौत के बाद भी नहीं टूटा हौसला
चार माह पहले अंकिता के पिता नहीं रहे तो
परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इसके बावजूद वह नहीं टूटी और खेल जारी रखा। इसी बीच अमेरिकन बास्केटबॉल की ओर से साल 2024 में भारत में चलाए गए एमबीए टैलेंट सर्च प्रोग्राम में अंकिता शामिल हुईं। यहां अपनी खेल प्रतिभा के दम पर वह इसमें चयनित हुईं। पिछले माह फरवरी में अंकिता ने दिल्ली में आयोजित बास्केटबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।