मंगलवार को
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के दिल्ली में वाहन वायु प्रदूषण रोकथाम और शमन पर निष्पादन लेखा परीक्षा प्रतिवेदन की प्रतियां सदन पटल पर प्रस्तुत कीं। हालांकि दिल्ली विधानसभा में कैग रिपोर्ट और उसपर चर्चा के बीच आप नेताओं के वॉकआउट कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी को लेकर किया ये दावा
इसके बाद रिपोर्ट पर चर्चा की शुरुआत दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने की। इस दौरान विपक्ष के अनुपस्थित रहने पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा “विपक्ष इसलिए नहीं आया, क्योंकि
अरविंद केजरीवाल जी का फोन उन्हें आता है, जिसमें वे कहते हैं कि वो मेरे कच्चे चिट्ठे खोल रहे हैं और तुम लोग आराम से सुन रहे हो। मुझे अरविंद केजरीवाल के एक साथी ने बताया कि वो तो डिप्रेशन से ही बाहर नहीं आ पा रहे। सिरसा ने कहा कि मैं तो सुनकर चकित रह गया। केजरीवाल इतने डिप्रेशन में चले गए हैं कि उन्हें कभी तो पंजाब ले जाते हैं। वहां उन्हें बताते हैं कि नहीं आप सत्ता में हो,उन्हें बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बैठाते हैं,पुलिस चारों तरफ घुमाते हैं।”
आगे उन्होंने कहा “
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी इतने डिप्रेशन में आ गए हैं कि कभी उनको पंजाब में ले जाया जाता है और बड़ी-बड़ी गाड़ी में बैठाकर आगे पीछे पुलिस की गाड़ियां चलाई जाती हैं, ताकि उन्हें लगे कि वह सत्ता में हैं। जैसे स्कूल का बच्चा जब रोता था तो उसके लिए खिलौना लाते थे, आज केजरीवाल जी को पंजाब सरकार के हेलिकॉप्टर में बैठाकर लेकर गए हैं। वह सदमे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। आज उनको डिप्रेशन से बाहर निकालने के लिए पंजाब की जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद किए जा रहे हैं।”
दिल्ली विधानसभा में अब तक पेश हो चुकी हैं 6 कैग रिपोर्ट्स
इससे पहले रेखा गुप्ता सरकार दिल्ली में आबकारी नीति से संबंधित कैग रिपोर्ट, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कैग रिपोर्ट और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) से संबंधित रिपोर्ट सहित अब तक पांच CAG रिपोर्ट सदन के पटल पर रख चुकी है। इस तरह के मंगलवार को पेश हुई रिपोर्ट छठी रिपोर्ट होगी, जिसे दिल्ली सरकार ने सदन के पटल पर रखा। आम आदमी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान की 14 CAG रिपोर्टें लंबित हैं, जिन्हें सदन के पटल पर रखने का भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था।