सीएम ने कहा- जल्द ही कोतमा आऊंगा
दोपहर 3 मुख्यमंत्री का कार्यक्रम यहां निर्धारित था लेकिन 4 तक वह यहां नहीं पहुंचे। इसके कुछ समय बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौसम खराब होने की वजह से उनके यहां न पहुंचने की सूचना कार्यक्रम स्थल पर दी। इसके बाद 4.30 बजे वर्चुअल माध्यम से वे कार्यक्रम में जुड़े और सभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोतमा आने के लिए आज सारे प्रयास के बावजूद नहीं पहुंच पाया। कोतमा पहुंचने के लिए रीवा तक पहुंच आया था लेकिन यहां मौसम की खराबी ने मुझे रोक दिया। इस बार नहीं आ पाया हूं लेकिन जल्द ही कोतमा में आप लोगों से मिलूंगा।
चित्रकूट को अयोध्या की तरह विकसित किया जाएगा
उन्होंने कोतमा में नीट तथा जेईईई की नि:शुल्क कोचिंग की शुरुआत की। अमरकंटक के रामसेतु का लोकार्पण करते हुए कहा कि रामसेतु जिले वासियों को हरिद्वार के लक्ष्मण झूले की याद दिलाता रहेगा। अमरकंटक की पावन भूमि को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही स्थान है जहां भगवान श्रीराम ने वनवास काटा और भगवान राम की इस तपस्या को याद करने के लिए मध्य प्रदेश में 1450 किलोमीटर के क्षेत्र में राम वन गमन मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें अनूपपुर जिला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस तरह से राम मंदिर का निर्माण किया गया है इस तरह से चित्रकूट को भी अयोध्या की तरह विकसित करेंगे।
सीएम के संबोधन के दौरान खाली रहीं कुर्सियां
दोपहर 3 बजे तक कोतमा के विभिन्न नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग कार्यक्रम स्थल पर इंतजार करते रहे। जैसे ही मुख्यमंत्री के ना आने की सूचना मिली तो लोग कार्यक्रम स्थल से अपने वाहनों की ओर रवाना हो गए। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल को मंच से ही लोगों को रोकने की अपील करनी पड़ी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी कोई भी बस नहीं जाएंगी, जो लोग आए हैं वह कार्यक्रम में ही बैठें।