मान्यता है कि होली पर चंद्र ग्रहण से पूजा-पाठ और ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित किया जा सकता है और चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं होली और चंद्र ग्रहण के दुर्लभ संयोग का क्या प्रभाव पड़ेगा।
चंद्र ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव (Chandra Grahan 2025 Prabhav)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार चंद्र ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप देखने को मिलेगा। इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं का संकेत मिल रहे हैं। प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है।फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार मिल सकते हैं, व्यापार में तेजी आएगी। चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बीमारियों में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा।
इसके अलावा वायुयान दुर्घटना होने की आशंका है। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानी राजनीतिक माहौल उच्च होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा। आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है।
इन राशियों को चंद्र ग्रहण से परेशानी
चंद्र ग्रहण से मेष, कर्क समेत कई राशियों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। वहीं चंद्र ग्रहण मेष राशि के लोगों के लिए लवलाइफ में चुनौतियां ला सकता है। वृषभ राशि के लोगों को इस समय नई कार या किसी वाहन की खरीदारी करना आपके लिए शुभ नहीं रहेगा।तुला राशि वालों के आर्थिक लाभ और मित्रों से समर्थन में रूकावट आ सकती है। वृश्चिक राशि वालों को शत्रुओं की ओर से मुश्किल हो सकती है। धनु राशि वालों को लंबी यात्रा में परेशानी हो सकती है। मकर राशि वालों की लाइफ में अप्रत्याशित घटनाएं घट सकती हैं। कुंभ राशि वालों की पार्टनर को लेकर गलतफहमी हो सकती है। चंद्र ग्रहण मीन राशि वालों के शत्रुओं को बढ़त दे सकता है।
चंद्रमा का ज्योतिषीय महत्व
चंद्रमा वैदिक ज्योतिष में भावनाओं, संवेदनाओं, मनोदशा और रचनात्मकता का प्रतीक है। इसे स्त्री ऊर्जा और मातृत्व का प्रतीक भी माना जाता है। यह हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। चंद्रमा से संबंधित ग्रहणों का असर सीधा भावनाओं और सोच पर पड़ता है।चंद्र ग्रहण से चंद्रमा की ऊर्जा में कमी आती है, जिससे व्यक्ति को उदासी, चिंता और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह समय ध्यान, साधना और आत्मनिरीक्षण के लिए उपयुक्त माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के धार्मिक प्रभाव
हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ काल माना जाता है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, पूजा आदि करने की मनाही होती है। मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और भोजन करना भी वर्जित माना जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और शुद्धिकरण का विशेष महत्व है।ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है। यह नकारात्मक ऊर्जा को कम करने और सकारात्मकता को बढ़ाने में मदद करता है। चंद्र ग्रहण के समय किया गया ध्यान और साधना कई गुना अधिक प्रभावशाली होती है।