scriptHolashtak 2025: होलाष्टक में वर्जित हैं ये कार्य, इन 8 दिनों में कौन से ग्रह सबसे ऊर्जावान और किसकी पूजा फलदायक | Holashtak Mein Varjit Karya 2025 Holashtak Kab Se kab tak holashtak mein kya hota hai holashtak grah shanti upay jyotish | Patrika News
धर्म/ज्योतिष

Holashtak 2025: होलाष्टक में वर्जित हैं ये कार्य, इन 8 दिनों में कौन से ग्रह सबसे ऊर्जावान और किसकी पूजा फलदायक

Holashtak Mein Kya na karein: होलाष्टक यानी फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक का समय यानी होली के पहले के 8 दिन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं तो आइये जानते हैं होलाष्टक में वर्जित कार्य कौन से होते हैं (tasks prohibited during Holashtak)

भारतMar 09, 2025 / 10:36 am

Pravin Pandey

Holashtak Mein Varjit Karya 2025

Holashtak Mein Varjit Karya 2025: होलाष्टक में वर्जित कार्य

Holashtak Mein Kya karein: पंचांग के अनुसार होलाष्टक प्रायः फरवरी मार्च में आता है। मान्यता है कि इस समय ऊर्जा का प्रवाह अधिक रहता है, जिससे यह ध्यान, मंत्र जाप और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अच्छा माना जाता है।

इस समय भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। साथ ही होलाष्टक के आठ दिन अलग-अलग ग्रह के लिए समर्पित हैं, इस समय ग्रह शांति उपाय करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और ग्रहों की कृपा मिलती है।

होलाष्टक में क्यों वर्जित हैं शुभ काम (Holashtak Mein Shubh Karya Varjit Kyon )

Holashtak Mein Varjit Karya Reason: प्राचीन कथा के अनुसार असुर हिरण्यकश्यप पुत्र भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे, लेकिन हिरण्यकश्यप स्वयं को ही भगवान मानता था और विष्णुजी की भक्ति का विरोध करता था। उसने प्रह्लाद को भक्ति से विमुख करने के लिए फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक कठोर यातनाएं दीं, लेकिन प्रह्लाद पर इनका कोई असर नहीं हुआ।

बल्कि हिरण्यकश्यप के आदेश पर जब आग में न जलने का वरदान प्राप्त उसकी बहन होलिका प्रह्लाद को आग में लेकर बैठी तो वही भस्म हो गई। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन आठ दिनों में ग्रहों की ऊर्जा भी उच्च स्तर पर होती है, जिसके मानव जीवन और काम पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं, इसलिए होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
ये भी पढ़ेंः Holashtak Ke Upay: करियर में सफलता, धन और संतान के लिए होलाष्टक में करना चाहिए ये उपाय, जानें क्या कहते हैं ज्योतिषी

होलाष्टक में वर्जित कार्य कौन से हैं (Holashtak Mein Varjit Karya)

Holashtak Mein Varjit Karya 2025: शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक 2025 में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए और होलिका दहन का इंतजार करना चाहिए। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है, हालांकि धार्मिक क्रिया और आध्यात्मिक साधना पर ध्यान देना चाहिए। आइये जानते हैं होलाष्टक में कौन-कौन से काम नहीं होने चाहिए।
ये भी पढ़ेंः Holashtak : कर्ज से परेशान हैं तो होलाष्टक में कर लें ये उपाय, मिल जाएगा लोन से छुटकारा

ये हैं होलाष्टक में वर्जित कार्य (Holashtak Mein Kya Na Karen)

Holashtak Mein Varjit Karya 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक में किसी भी शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए और मांगलिक कार्य को होलिका दहन तक टाल देना चाहिए। क्योंकि इस समय इन कामों में बाधा आती है और उनके निष्फल होने की आशंका रहती है।
मुंडन संस्कारः इस दौरान बच्चे का मुंडन शुभ नहीं माना जाता।
नामकरण संस्कारः होलाष्टक में शिशु के नामकरण पर रोक है।
कर्णवेधः होलाष्टक में कान छिदवाने का कार्य नहीं करना चाहिए।
सगाई न करेंः होलाष्टक के 8 दिन में में सगाई करने से बचना चाहिए।
विवाहः हिंदू धर्म मानने वालों के लिए होलाष्टक शादी-विवाह के लिए अशुभ समय माना जाता है।
गृह प्रवेशः होलाष्टक मे नए घर में प्रवेश करने से बचें।
भवन या भूमि खरीदने से बचेंः संपत्ति से जुड़े निर्णय इस समय न लें।
नया वाहन न खरीदेंः होलाष्टक में नई गाड़ी खरीदने के लिए होलाष्टक बीतने का इंतजार करने की सलाह दी जाती है।
नया व्यापार शुरू न करेंः बिजनेस स्टार्ट करने के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार करना चाहिए।
नौकरी में बदलाव न करेंः नई नौकरी जॉइन करने या जॉब बदलने से बचें।
किसी भी नए काम को शुरू न करेंः कोई भी शुभ या मांगलिक काम इस समय न शुरू करें, इसके लिए होलिका दहन का इंतजार करना चाहिए।
ये भी पढ़ेंः Holashtak Mein Kya Na Kare: होलाष्टक में भूलकर भी न करें ये काम, लाइफ में होती है आफत की एंट्री

होलाष्टक के आठ दिन में ग्रहों का क्या होता है प्रभाव (Holashtak Grah Shanti Upay)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक में नवग्रहों की ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय रहती है। यदि आपकी जन्म कुंडली में किसी ग्रह की अशुभ स्थिति से जीवन में नकारात्मक प्रभाव आ रहे हैं तो होलाष्टकमें ग्रहों की शांति उपाय से शुभ परिणाम जल्दी प्राप्त हो सकते हैं। होलाष्टक के आठ दिन अलग-अलग ग्रहों के लिए समर्पित हैं। इस दिन संबंधित ग्रह की शांति उपाय से लाभ होता है।
पहला दिन (अष्टमी, चंद्रमा): ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को चंद्रमा की ऊर्जा सबसे अधिक होती है। होलाष्टक 2025 के पहले दिन 6 मार्च को चंद्रमा की शांति के उपाय करना चाहिए।

दूसरा दिन (नवमी, सूर्य): फाल्गुन शुक्ल नवमी को सूर्य की ऊर्जा प्रबल होती है। होलाष्टक 2025 के दूसरे दिन 7 मार्च को सूर्य शांति उपाय करना चाहिए।


तीसरा दिन (दशमी, शनि): फाल्गुन शुक्ल दशमी को शनि की ऊर्जा अत्यधिक होती है। होलाष्टक 2025 के तीसरे दिन 8 मार्च को शनि ग्रह शांति उपाय करना चाहिए।

चौथा दिन (एकादशी, शुक्र): फाल्गुन शुक्ल एकादशी को शुक्र ग्रह की ऊर्जा प्रभावी होती है। होलाष्टक 2025 के चौथे दिन 9 मार्च को शुक्र शांति उपाय करना चाहिए।


पांचवां दिन (द्वादशी,गुरु): फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को गुरु ग्रह की शक्ति सबसे अधिक होती है। होलाष्टक 2025 के पांचवें दिन 10 मार्च को गुरु शांति उपाय करना चाहिए।

छठा दिन (त्रयोदशी, बुध): फाल्गुन शुक्ल त्रयोदशी को बुध ग्रह की ऊर्जा प्रबल होती है। इसलिए होलाष्टक 2025 के छठे दिन 11 मार्च को बुध ग्रह की शांति उपाय करना चाहिए।


सातवां दिन (चतुर्दशी, मंगल): फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी को मंगल ग्रह की ऊर्जा उच्चतम होती है। इसलिए होलाष्टक 2025 के सातवें दिन 12 मार्च को मंगल शांति उपाय करें।

आठवां दिन (पूर्णिमा, राहु-केतु): फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा पर राहु और केतु की ऊर्जा प्रबल होती है। होलाष्टक 2025 के आठवें दिन 13 मार्च को राहु, केतु की शांति करने से नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं।

होलाष्टक पर क्या करें (Holashtak Mein Kya Hota Hai)

होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होती है। जिस स्थान पर होलिका दहन किया जाना है, इस दिन वहां लकड़ी के दो डंडे गाड़े जाते हैं। इनमें से पहला डंडा होलिका और दूसरा प्रह्लाद का प्रतीक होता है। इन्हें गंगाजल से शुद्ध कर विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

इसके बाद डंडों के चारों ओर गोबर के उपले और लकड़ियां रखी जाती हैं। आखिर में होलिका के चारों ओर गुलाल और आटे से रंग-बिरंगी रंगोली बनाई जाती है। इसके बाद आठवें दिन यानी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। इसी के साथ होलाष्टक समाप्त हो जाते हैं।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Holashtak 2025: होलाष्टक में वर्जित हैं ये कार्य, इन 8 दिनों में कौन से ग्रह सबसे ऊर्जावान और किसकी पूजा फलदायक

ट्रेंडिंग वीडियो