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औरैया जिले के फफूंद थाना क्षेत्र के गांव अटा बरूआ की रहने वाली प्रियंका 27 वर्ष की शादी इटावा के बसरेहर निवासी अवनीश से हुई थी। जिससे चार बच्चे है। दो साल पहले पति अवनीश की करंट लगने से मौत हो गई। इसके बाद प्रियंका अपने चचेरे देवर आशीष के साथ पत्नी के रूप में साथ रहने लगी। 27 जुलाई 2024 की सुबह करीब 5 बजे प्रियंका अपने चारों बच्चों सोनू (9), माधव (6), आदित्य (4) व मंगल (2) को साथ लेकर घर से निकल पड़ी और ऑटो करके केश्मपुर में सेंगर नदी के घाट पर पहुंच गई। जहां से प्रियंका ने अपनी ताई गीता को फोन करके कहा कि वह मरने जा रही है। और फोन काट दिया। ताई गीता को तलाशने औरैया गई। लेकिन प्रियंका घर पर नहीं मिली। इधर प्रियंका ने चारों बच्चो को कुछ नशीला पदार्थ खिलाकर नदी में डूबो दिया। मगर ग्रामीणों को आते देख वह वहां से भाग गई। सूचना पर पुलिस पहुंची और ग्रामीणों ने नौ साल के सोनू को बाहर निकाला। जो जीवित था। जिसने पुलिस को नाम पता और घटनाक्रम बताया। इस पर परिजनों को सूचना दी गई।
कड़ी मशक्कत के बाद मिला था मासूम बच्चों का शव
गोताखोर को बुलाकर नदी से छह साल के आदित्य और चार साल के माधव के शव को बाहर निकाल लिया। जबकि दो वर्ष के मंगल का शव करीब दो घंटे बाद मिला था। पुलिस ने बच्चों के शवों का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
मनीष की तहरीर पर प्रियंका और डैनी के खिलाफ केस हुआ था दर्ज
पुलिस ने प्रियंका के सगे देवर मनीष की तहरीर पर प्रियंका एवं उसके प्रेमी (चचेरे देवर) आशीष उर्फ डैनी के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न मामलों में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की और 20 दिन में दोनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल ली। जिसके बाद मामला एडीजे थर्ड सैफ अहमद की कोर्ट में चला। घटना के खुलासे के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में सुनवाई चली। गुरुवार को अदालत ने महिला को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई, जबकि उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा दी गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अदालत के इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। यह फैसला समाज को बड़ा संदेश देने वाला माना जा रहा है।