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Motor Insurance: इन 7 कारणों से रिजेक्ट होता बीमा क्लेम, जानिए क्या कहता है नया कानून

Motor Insurance: मोटर बीमा क्लेम रिजेक्ट क्यों होता है? जानें उन 7 खास वजहों को, जिनमें ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का उपयोग और नशे में गाड़ी चलाना शामिल है। नया कानून क्या कहता है, पूरी जानकारी।

भारतJun 05, 2025 / 05:40 pm

Rahul Yadav

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Motor Insurance 7 Reasons Why Insurance Claims Get Rejected in India (Image Source: AI)

Motor Insurance Rules: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने हाल में अपने एक फैसले में कहा है कि अगर दुर्घटना के समय बीमित वाहन के ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो बीमा संबंधी दावे को कानूनी तौर पर अस्वीकार किया जा सकता है। इस मामले में शिकायतकर्ता का वाहन पॉलिसी अवधि के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसका बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से किया था। दुर्घटना में वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और ड्राइवर की मृत्यु हो गई। मगर बीमाकर्ता ने यह कहते हुए दावे को खारिज कर दिया कि ड्राइवर के लाइसेंस की वैधता अवधि खत्म हो गई थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा कि वैध लाइसेंस का नहीं होना पॉलिसी शर्तों का उल्लंघन है।

इन वजहों से खारिज होते हैं क्लेम

1. आपकी RC और बीमा का नाम अलग-अलग हो: बीमा पॉलिसी और पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) एक ही नाम पर होने चाहिए। अगर आरसी और बीमा में तालमेल नहीं है तो बीमाकर्ता दावे को अस्वीकार कर सकता है।
2. जानकारी देने में देरी: नारायण राव ने कहा, दुर्घटना की जानकारी देने के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। मगर बीमाकर्ता देरी के कारणों के बारे में पूछ सकते हैं और उसी के अनुसार दावे की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं। नहीं पॉलिसीधारक के संदीप मारक का मानना है की बीमाकर्ता को 24 से 48 घंटों के भीतर सूचित कर देना चाहिए।
3. नशे में गाड़ी चलाना: अगर दुर्घटना के समय ड्राइवर शराब या ड्रग्स के नशे में था तो आम तौर पर दावे खारिज कर दिए जाते हैं।

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4. वाहन में मॉडिफिकेशन: वाहन के प्रदर्शन, सुरक्षा अथवा मुख्य को प्रभावित करने वाले मॉडिफिकेशन का खुलासा किया जाना चाहिए। बीमाकर्ता को मॉडिफिकेशन के बारे में सूचित नहीं किए जाने पर दावा खारिज हो सकता है।
5. एक्सपायर्ड लाइसेंस: बीमाधारकों को लाइसेंस नवीनीकरण के लिए 30 दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाता है। मगर 2019 के मोटर वाहन अधिनियम में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि एक्सपायर्ड लाइसेंस वाले वाहन को अनुमति नहीं है भले ही आपका लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लंबित क्यों न हो। डिजिट इंश्योरेंस के नारायण राव ने कहा, ड्राइवर को अपने लाइसेंस की वैधता खत्म होने के तुरंत बाद उसका नवीनीकरण करवाना चाहिए, और तब तक वाहन चलाने से बचना चाहिए। एक्सपायर्ड लाइसेंस से जुड़े दुर्घटना मामलों में बीमाकर्ता कवरेज से इनकार करते हैं।
6. वाहन श्रेणी: बजाज आलियांज के शुभांगी मजूमदार ने बताया, हल्के मोटर वाहन लाइसेंस वाला कोई व्यक्ति कानूनी तौर पर ट्रक या बस नहीं चला सकता। गलत लाइसेंस श्रेणी के साथ ड्राइविंग करने पर आपका दावा अमान्य हो सकता है।
7. निजी गाड़ी का गलत इस्तेमाल: निजी वाहन का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना भी नियम का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे में बीमाकर्ता दावे को खारिज कर सकते हैं। पहले से मौजूद नुकसान के लिए दावा किए जाने पर भी उसे खारिज किया जा सकता है।

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