अखिलेश यादव ने कहा कि 2027 में समाजवादी सरकार बनने पर हर परिवार को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, युवाओं को आईपैड और महिलाओं को 3000 रुपये मासिक समाजवादी पेंशन दी जाएगी। उन्होंने केंद्र की अग्निवीर योजना को समाप्त करने और देश की सीमाओं की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने का भी वादा किया।
अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जहां भाजपा को वोट नहीं मिला, वहां बूथों को बंद किया जा रहा है। भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि हजारों स्कूल बंद किए जा रहे हैं, लेकिन शराब की दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई पानी की टंकियों को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि घटिया निर्माण के कारण ये टंकियां आए दिन फट रही हैं। उन्होंने कहा, “हर महीने किसी न किसी जिले में टंकी फटने की खबर आ रही है, जो सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार का स्पष्ट प्रमाण है।”
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उल्लेख करते हुए अखिलेश यादव ने समाजवादी शासन की उपलब्धियों को गिनाया और भाजपा सरकार के गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार केवल प्रचार में व्यस्त है, जबकि समाजवादी सरकार ने जमीनी स्तर पर काम किया।
भाजपा सरकार को अखिलेश के घेरा
अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरक्षण और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दों पर दोगली नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा समाज को बांटने का काम कर रही है, जबकि समाजवादी पार्टी समानता और एकता की पक्षधर है।” 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी ‘पीडीए’ यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने गाजीपुर में आधुनिक मंडी निर्माण का वादा करते हुए कहा कि इससे किसानों और व्यापारियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
समारोह में समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी ही उत्तर प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकती है। 2027 की तैयारियों में अभी से जुट जाएं।”
यह कार्यक्रम समाजवादी पार्टी की आगामी रणनीति और जनसमर्थन जुटाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।