पीड़िता मंजू देवी ने बताया कि वर्ष 2011 में उन्होंने गांव के ही संदीप से प्रेम विवाह किया था, जिसके बाद गांव के शैलेश नामक व्यक्ति से उनकी रंजिश शुरू हो गई। मंजू के अनुसार, शैलेश और उसके परिजन उन्हें व उनके परिवार को लंबे समय से प्रताड़ित करते आ रहे थे। रविवार को शैलेश, करण और देवाशीष ने मंजू के भाई अजय की पत्नी, बच्चों, सास निर्मला देवी और जेठ राजू के साथ मारपीट की। पीड़ित परिवार जब शिकायत लेकर थाने पहुंचा, तो दरोगा ने कथित रूप से गालियां देकर उन्हें भगा दिया और उल्टे अजय पर शांतिभंग की कार्रवाई कर दी।
अजय सोमवार को जमानत पर रिहा होकर घर लौटा था, लेकिन उसी शाम गांव के ही शैलेश, करण और देवाशीष ने मिलकर उस पर लोहे की रॉड और लाठियों से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल अजय की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
मंजू और उसके छोटे भाई राजू ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि थाने में समय रहते सुनवाई होती तो अजय की जान बचाई जा सकती थी। राजू ने बताया कि अजय बिहार में नौकरी करता था और परिवार पर हुए हमले की जानकारी पाकर गांव आया था।
इस पूरे मामले पर थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पहले भी कई बार विवाद हो चुका है। उन्होंने पुलिस पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। फिलहाल, पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश जारी है।