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सरकारी राशन में खुलेआम कालाबाजारी! PDS के दुकानदार पूछ रहे… चावल चाहिए या पैसे? 30 जून तक बचे हुए परिवारों को राशन देना मुश्किल लग रहा है। जो हितग्राही बचे हुए हैं, वह अब समय बढ़ाने की मांग भी करने लगे हैं। हालांकि खाद्य विभाग द्वारा अभी तिथि बढ़ाने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। तीन माह का राशन देने की तिथि में महज 6 दिन ही शेष रह गए हैं। अंतिम दिनों में
राशन दुकानों में हितग्राहियों की काफी भीड़ देखी जा रही है। सुबह राशन दुकान खुलने का इंतजार हितग्राही करते दिखाई देते हैं। हालांकि खाद्य विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि तय समय पर राशन वितरण किया जाएगा। वहीं इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी तुलसीराम ठाकुर से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
6 बार लगाना पड़ रहा अंगूठा अन्त्योदय राशन कार्डधारी को ईपॉस मशीन में तीन बार पृथक-पृथक अंगूठा लगाना पड़ रहा है। इसी तरह बीपीएल राशन कार्डधारी को 6 बार ईपॉस मशीन में अंगूठा लगाना पड़ रहा है क्योंकि तीन माह का राशन दिया जाएगा। बीपीएल उपभोक्ता के चावल का तौल भी 6 बार किया जा रहा है। एक दिन में 35 से 40 राशन कार्डधारी को ही राशन उपलब्ध होने की स्थिति में उपभोक्ता अपनी बारी का इंतजार करने लंबी कतार लगा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों के राशन कार्डधारियों की संया अधिक है। शक्कर व अन्य सामग्री का वितरण जून में एक माह का किया जा रहा है। मात्र चावल का वितरण तीन माह का किया जा रहा है।
पहली बार एक साथ अन्त्योदय राशन कार्डधारी को सरकार द्वारा एक साथ 35 किलो चावल निशुल्क प्रदान किया जाता है लेकिन बीपीएल राशन कार्डधारियों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग मान से चावल दिया जाता है। जैसे एक सदस्य को केंद्र 5 किलो, राज्य 2 किलो, 2 सदस्य को 10 व 5 किलो, तीन सदस्य को 15 व 20 किलो, 4 सदस्य को 20 व 15 किलो तथा 5 सदस्य को 25 व 10 किलो प्रदान किया जाता है, जो निशुल्क है। एपीएल परिवार के एक सदस्य के मान से 7 किलो चावल 10 रूपए प्रति किलो की दर से राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।