लाइसेंस बनाने में पीछे वाहन चालक
अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन विभाग के मुताबिक जिले में दो साल तीन माह में 26428 लोगों ने वाहन खऱीदा है और रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन मात्र 13396 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाए हैं। इनमें से कुछ ने लर्निंग लाइसेंस ही बनवाया, लेकिन रेगुलर लाइसेंस नहीं बनाया है।गांव फिर बनेंगे टापू : पुल और एनीकट निर्माण की हो चुकी स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया अटकी
लाइसेंस को लेकर ग्रामीणों में जागरुकता नहीं
गाडिय़ों के हिसाब से लाइसेंस में उसी अनुपात में वृद्धि नहीं होने के पीछे भी तर्क है। जानकारों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि और किश्तों में गाडिय़ों की बिक्री होने से शहरों के बराबर ही कस्बों में गाडिय़ों की बिक्री हो रही है। गाड़ी आसानी से ग्रामीण इलाकों में मिल रही है। लाइसेंस के लिए उन्हें जिला मुख्यालय आना पड़ता है। यही वजह है कि ग्रामीण लाइसेंस बनाने में रुचि नहीं ले रहे हैं।बालोद, दुर्ग, बेमेतरा और राजनांदगांव में 18 स्थानों पर चोरी करने वाला चोर गिरोह पकड़ा गया
लाइसेंस बनाने चलाया जाए अभियान
यातायात विभाग समय-समय पर वाहनों की चेकिंग करता है। एक बाइक पर तीन सवारी बैठाने के अलावा हेलमेट, लाइसेंस की भी जांच की जाती हैं। बाइक चालक जुर्माना भर देते हैं, लेकिन लाइसेंस बनवाने चालकों को प्रेरित करने के लिए कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। जिस तरह पुलिस हेलमेट जागरुकता अभियान चला रही है, उसी तरह लाइसेंस बनाने भी अभियान छेडऩे की जरूरत है।इस साल 3010 वाहन का रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस बने मात्र 1444
आरटीओ के मुताबिक जनवरी से मार्च तक कुल 3010 नई गाडिय़ों का पंजीयन हुआ है। इसके विपरीत सिर्फ 1,444 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाए हैं।तीन साल की वर्षवार जानकारी
वर्ष – लाइसेंस बने – वाहन खरीदी2023 – 4820 – 10,888
2024 – 7032 – 13,530
2025 मार्च तक – 1444 – 3010