वहीं शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक जिले के 53 स्कूलों के लिए अतिरिक्त कमरा निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है, जिसमें से लगभग 30 स्कूल तो जर्जर है। कहा जाए कि इस बार भी स्कूली बच्चों को जर्जर स्कूलों में बैठने मजबूर होना पड़ेगा। जिले के तीन ऐसे स्कूल हैं, जिसकी स्वीकृति तो तीन साल पहले मिल गई है। नए स्कूल भवन निर्माण की आस में पुराने स्कूल भवन भी तोड़ दिए हैं लेकिन स्कूल भवन बनाने काम ही शुरू नहीं हुआ है।
School Open in CG: स्कूलों के जर्जर भवनों की मंगाई गई सूची, भेजा प्रस्ताव
शिक्षा विभाग ने जिले के 53 स्कूलों में अतिरिक्त कमरा निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं स्कूलों से जर्जर भवनों की सूची मंगाई गई है।
जिले के तीन ऐसे स्कूल हैं, जहां नए स्कूल भवन बनने की स्वीकृति मिल गई है और नए स्कूल भवन निर्माण की आस में पुराने भवन को तोड़ दिया गया है। लेकिन भूमिपूजन के लगभग तीन साल बाद भी स्कूल भवन का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर अब स्थिति यह है कि जिले के सांकरा ज, पीपरछेड़ी व कमकापार स्कूल में नए स्कूल भवन का निर्माण शुरू नहीं हुआ।
मिली जानकारी के मुताबिक इन तीनों यानी प्रत्येक स्कूल के लिए 1 करोड़ 21 लाख 16 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी पर नई सरकार आने के बाद वित्त विभाग ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत कार्यों में रोक लगा दी, जिससे स्कूल भवन निर्माण प्रभावित हुआ है। नतीजा यह है कि अब
स्कूली बच्चे ही परेशान हो रहे हैं। दोबारा इन तीनों स्कूल भवन निर्माण के लिए कोई पहल नहीं हुई और न ही शासन-प्रशासन द्वारा कोई ध्यान दिया जा रहा है।
तीन साल पहले मिली थी स्वीकृति
विभागीय जानकारी के मुताबिक तत्कालीन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाक़ात के दौरान जिले के ग्राम पिपरछेड़ी, ग्राम कमकापार व ग्राम सांकरा में स्कूल भवन निर्माण के लिए स्वीकृति दी थी। बजट में भी शामिल किया गया। प्रशासकीय स्वीकृति भी मिल गई। लेकिन विधानसभा चुनाव में जब भाजपा की सरकार आई तब पूर्व सरकार के विभिन्न स्वीकृत कार्यों पर रोक लगा दी गई, जिसके बाद से आज तक काम शुरू ही नहीं हुआ है।