छांगुर के निशाने पर रहती थी यह महिलाएं
एटीएस सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा निसंतान, विधवा, तलाकशुदा और मानसिक रूप से कमजोर महिलाओं को अपना आसान शिकार बनाता था। वह आश्रय, चमत्कार और इलाज के बहाने महिलाओं को अपने प्रभाव में लेता, फिर उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करता। आज भी कुछ लोग उसे ‘पीर’, ‘रूहानी बाबा’ और ‘मसीहा’ मानते हैं, और खुलकर उसके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं हैं।ATS के शिकंजे में छांगुर और नीतू
छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को 7 दिन की रिमांड पर एटीएस को सौंपा गया है। दोनों बलरामपुर के मधुपुर के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, छांगुर पर पहले से गैर-जमानती वारंट जारी था और ₹50,000 का इनाम भी घोषित किया गया था।भारत-नेपाल सीमा से दुबई तक नेटवर्क
छांगुर ने भारत-नेपाल सीमा पर एक ‘दावा केंद्र’ स्थापित करने की योजना बनाई थी, जिसके लिए विदेशी फंडिंग भी मिलनी शुरू हो चुकी थी। उसके अनुयायियों ने कई शहरों में इस्लाम धर्म में शामिल होने के सार्वजनिक कार्यक्रम भी आयोजित किए थे। दो साल पहले आजमगढ़ में उसके कुछ रिश्तेदारों पर भी अवैध धर्मांतरण का केस दर्ज हुआ था।आलीशान कोठी को प्रशासन ने किया ध्वस्त
बलरामपुर में स्थित छांगुर बाबा की आलीशान कोठी को जब प्रशासन ने ध्वस्त किया, तो अंदर से मिले सामानों ने सबको चौंका दिया। छांगुर की कोठी में दुबई से मंगाया गया स्पेनिश तेल मिला, ऊर्जा वर्धक दवाएं, विदेशी डिटर्जेंट और इत्र भी मिला। इसके साथ ही कुछ उर्दू में पैक डेली यूज़ प्रोडक्ट्स भी मिले। कोठी की निगरानी के लिए एक गुप्त कंट्रोल रूम बना रखा था। जहां से निगरानी होती थी। उसका बेडरूम ही ऑपरेशन रूम था, जहां हर आने-जाने वाले की रिकॉर्डिंग होती थी। संवेदनशील दस्तावेज़ भी एटीएस को बरामद हुए हैं।नेटवर्क का मास्टर प्लान
शुरुआती शिकार: नीतू रोहरा और नवीन वोहराफाइनेंशियल नेटवर्किंग में मददगार: मोहम्मद अहमद खान, जिसे छांगुर का सबसे करीबी बताया जा रहा है
नेटवर्क की पहुंच: महाराष्ट्र और दुबई तक