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बैंगलोर

शुभ विचारों से व्यवहार होता है उत्तम : आचार्य चंद्रयश

आदिनाथ जिनालय, चिकपेट में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने धर्मसभा में कहा कि मानव को सदैव अच्छे विचार रखना चाहिए। अच्छे विचार से सहानुभूति का भाव पैदा होता है और कभी तुच्छ विचार नहीं आते हैं। सम्यक दृष्टि आने से आत्मा के स्वभाव में तीन वस्तु सहज बदल जाती है। हमारे आचार, विचार और उच्चार सुंदर […]

बैंगलोरFeb 22, 2025 / 06:59 pm

Bandana Kumari

आदिनाथ जिनालय, चिकपेट में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने धर्मसभा में कहा कि मानव को सदैव अच्छे विचार रखना चाहिए। अच्छे विचार से सहानुभूति का भाव पैदा होता है और कभी तुच्छ विचार नहीं आते हैं। सम्यक दृष्टि आने से आत्मा के स्वभाव में तीन वस्तु सहज बदल जाती है। हमारे आचार, विचार और उच्चार सुंदर व शुद्ध बन जाते हैं। जब मानव का विचार शुभ होता है, तब व्यवहार उत्तम हो जाता है।

लोभ पाप का कारण बनता

आचार्य ने कहा कि अज्ञानता और लोभवृत्ति सम्यक दर्शन में बाधक तत्व हैं। अज्ञानता हो तो एक बार चलेगा पर जब अज्ञानता के साथ आग्रह बुद्धि आने पर परेशानी होती है। अज्ञानता को दूर करने के लिए गुरु के शरण में जाना चाहिए। आचार्य ने कहा, लोभ पाप का कारण बनता है। मानव को जीवन में लोभ करने से सदैव बचना चाहिए, तभी जीवन का कल्याण हो सकता है।ट्रस्ट के अध्यक्ष गौतम सोलंकी ने आचार्य का स्वागत करते हुए कहा कि जिनालय का जीर्णोद्धार आचार्य की प्रेरणा की देन है। चेन्नई के रमेश मुथा ने केसरवाड़ी तीर्थ में आगामी चातुर्मास की विनती की। शनिवार को कुंथुनाथ जिनालय, श्रीनगर के रजत जयंती पंचान्हिका उत्सव के लिए आचार्य का प्रवेश होगा। उत्सव में पंचकल्याणक पूजा सम्पन्न होगी तथा कुंथुनाथ जैन भक्ति मंडल की ओर से रात्रि भक्ति कार्यक्रम का आयोजन होगा।

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