न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौडर ने डीआरआई को कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना जतिन विजयकुमार हुक्केरी को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया। सुनवाई में जतिन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि याचिकाकर्ता का अपनी पत्नी के खिलाफ लगाए गए आरोपों से कोई संबंध नहीं है।
यह भी कहा गया कि उन्होंने 4 मार्च और 9 मार्च को जांच में सहयोग किया था, भले ही उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या सम्मन के ले जाया गया था। अधिवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि डीआरआई अधिकारियों ने उनसे घंटों पूछताछ की, उन्हें परेशान किया, शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और अपने मामले के अनुरूप बयान देने के लिए मजबूर किया।
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह डीआरआई को निर्देश जारी करे कि वह सीमा शुल्क अधिनियम या बीएनएसएस के तहत दंडनीय अपराधों के लिए जतिन के खिलाफ कोई भी आरोप लगाने से पहले कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करे।